- ब्रह्माकुमारीज प्रमुख दादी रतनमोहिनी का निधन 101 वर्ष की आयु में अहमदाबाद के अस्पताल में हुआ।
- उनका पार्थिव शरीर राजस्थान के आबू रोड स्थित शांतिवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
- दादी रतनमोहिनी मात्र 13 वर्ष की आयु में ब्रह्माकुमारीज से जुड़ीं और जीवनभर संगठन की सेवा में रहीं।

ब्रह्माकुमारीज संगठन की प्रशासनिक प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी का सोमवार देर रात अहमदाबाद के एक अस्पताल में 1:20 बजे निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ थीं और 101 वर्ष की थीं। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह राजस्थान के आबू रोड स्थित शांतिवन परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां देशभर से श्रद्धालु उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
13 वर्ष की आयु में ब्रह्माकुमारीज से जुड़ीं
25 मार्च 1925 को सिंध के हैदराबाद (अब पाकिस्तान) में जन्मी दादी रतनमोहिनी का वास्तविक नाम लक्ष्मी था। मात्र 13 वर्ष की उम्र में वे ब्रह्माकुमारीज संगठन से जुड़ गईं। उनका पूरा जीवन संगठन की सेवा और आध्यात्मिक साधना में समर्पित रहा। उन्होंने अपने कार्यों से लाखों लोगों को प्रेरित किया और नई पीढ़ियों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया।
2021 में संभाली संगठन की जिम्मेदारी
दादी रतनमोहिनी ने 2021 में ब्रह्माकुमारीज की प्रशासनिक प्रमुख का पद संभाला। उनके नेतृत्व में संगठन ने वैश्विक स्तर पर सामाजिक और आध्यात्मिक अभियानों को आगे बढ़ाया। उनकी सादगी, करुणा और दृढ़ आत्मशक्ति ने संगठन और अनुयायियों पर गहरी छाप छोड़ी।
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी के देहावसान का समाचार सुनकर मन अत्यंत दुखी है।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) April 8, 2025
उनका देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहने की… pic.twitter.com/tzJKttp2pd
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी के देहावसान का दुःखद समाचार स्तब्ध कर देने वाला है। उनका जीवन आध्यात्मिक प्रकाश का स्रोत था, जो अनगिनत आत्माओं को सत्य, शांति और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहा।
— Om Birla (@ombirlakota) April 8, 2025
उनका देवलोकगमन न केवल… pic.twitter.com/YKrurJAmQ5
संगठन ने दी मार्मिक श्रद्धांजलि
ब्रह्माकुमारीज के आधिकारिक फेसबुक पेज पर दादी जी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा गया, “हमारी परम आदरणीय, ममतामयी मां समान दादी रतनमोहिनी ने 101 वर्ष की आयु में सूक्ष्म लोक में प्रवेश किया है। उनकी दिव्य उपस्थिति और शुद्ध ऊर्जा हमेशा मार्गदर्शन करती रहेंगी।”

अंतिम दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु
शांतिवन परिसर में हजारों अनुयायी और ब्रह्माकुमारीज के सदस्य उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। परिसर में गहरा शोक है, लेकिन उनकी आध्यात्मिक यात्रा और योगदान की स्मृतियां हर अनुयायी के दिल में जीवित रहेंगी।