- राजस्थान सरकार ने नकद प्रॉपर्टी लेनदेन पर नजर रखने के लिए नया सर्कुलर 29 मई को जारी किया।
- ₹2 लाख या अधिक के नकद लेनदेन पर आयकर विभाग को जानकारी देना अनिवार्य।
- कोर्ट और रजिस्ट्री विभाग को नकद लेनदेन की सूचना साझा करनी होगी।
- धारा 269ST के तहत ₹2 लाख से अधिक नकद लेने पर समान राशि का जुर्माना।

राजस्थान में अब प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री में नकद लेनदेन पर सख्त नजर रखी जाएगी। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 29 मई को एक नया सर्कुलर जारी किया है, जो सिर्फ खरीदार-विक्रेता ही नहीं बल्कि रजिस्ट्री विभाग और अदालतों के लिए भी बड़ी चेतावनी है। इस सर्कुलर के मुताबिक, अगर किसी भी सौदे में दो लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि का लेनदेन होता है, तो उसकी अनिवार्य जानकारी आयकर विभाग को देना होगा।
कोर्ट-रजिस्ट्री विभाग भी ज़िम्मेदार
अब तक संपत्ति की रजिस्ट्री या अदालती कार्यवाहियों में नकद लेनदेन के विवरण को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता था। लेकिन नए नियमों के अनुसार, अगर किसी केस या दस्तावेज़ में नकद रकम का उल्लेख है, तो संबंधित न्यायालय या रजिस्ट्री कार्यालय को इसे टैक्स विभाग के साथ साझा करना अनिवार्य होगा। यह नियम न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि काले धन के प्रवाह को भी रोकने में मददगार साबित होगा।
छिपाने पर होगी सख्त कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में स्पष्ट किया है कि अगर कोई अधिकारी इस तरह की सूचना छिपाता है, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मामला सीधे राज्य के मुख्य सचिव तक जाएगा, जिससे लापरवाही बरतने वालों को बचने का कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसका सीधा असर सरकारी मशीनरी की जवाबदेही और ईमानदारी पर पड़ेगा।
269ST के तहत लगेगा जुर्माना
सर्कुलर के साथ सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 269ST को भी सक्रियता से लागू करने का फैसला किया है। इस कानून के तहत, अगर कोई व्यक्ति या संस्था दो लाख रुपये से अधिक की नकद राशि लेता है, तो उस पूरी राशि के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा। यानी जितना कैश लिया गया, उतना ही जुर्माना देना पड़ेगा। यह नियम प्रॉपर्टी लेनदेन के अलावा कई अन्य वित्तीय गतिविधियों पर भी लागू होगा।
काले धन पर सरकार की सीधी चोट
इस सख्ती के पीछे सरकार की मंशा स्पष्ट है—काले धन की समानांतर अर्थव्यवस्था को तोड़ना और वित्तीय प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाना। नकद लेनदेन पर यह निगरानी सिर्फ एक कदम नहीं, बल्कि व्यवस्था में जवाबदेही और ईमानदारी लाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।