- रणथंभौर के जैन मंदिर से करीब 40 मीटर दूर पुजारी राधेश्याम सैनी पर टाइगर ने हमला किया, उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
- मृतक पुजारी पिछले 20 साल से मंदिर में सेवाएं दे रहे थे, घटना सोमवार सुबह हुई।
- यह दो महीने में रणथंभौर क्षेत्र में टाइगर के द्वारा किया गया तीसरा जानलेवा हमला है।

रणथंभौर दुर्ग में सोमवार सुबह टाइगर के हमले में जैन मंदिर के पुजारी राधेश्याम सैनी (60) की मौत हो गई। राधेश्याम, शेरपुर के निवासी थे और पिछले 20 वर्षों से रणथंभौर के जैन मंदिर में सेवाएं दे रहे थे। घटना तब हुई जब वह शौच के लिए बाहर गए थे। उनका शव मंदिर से लगभग 40 मीटर दूर झाड़ियों में मिला, जहां उनकी गर्दन पर बाघ के दांतों के गहरे निशान पाए गए। टाइगर ने उनके शरीर का एक हिस्सा भी खा लिया।
तीसरी घटना से गुस्साए ग्रामीणों को किया विरोध
ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग जाम कर वन विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह घटना विभाग की लापरवाही का नतीजा है, क्योंकि पिछले दो महीने में यह बाघ का तीसरा हमला है। स्थानीय लोग पुजारी के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
हाल की घटनाओं से बढ़ी चिंता
- 21 अप्रैल: बाघिन कनकटी ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर के रास्ते पर एक 7 वर्षीय बच्चे पर हमला किया था।
- 12 मई: जोगी महल के पास एक रेंजर को बाघ ने मार डाला।
ये तीनों हमले रणथंभौर दुर्ग और उसके आसपास की 2 किलोमीटर की परिधि में हुए हैं, जिससे सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
वन विभाग ने आवाजाही पर लगाई थी रोक
वन विभाग ने एक दिन पहले ही रणथंभौर दुर्ग में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई थी, लेकिन पुजारी की मौत ने इस फैसले की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।