आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित पड़े सब पर भारी, जिलाध्यक्ष बनाने में रहेगी मुख्य भूमिका
आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित पड़े सब पर भारी, जिलाध्यक्ष बनाने में रहेगी मुख्य भूमिका

जालोर. भारतीय जनता पार्टी की ओर से चलाए गए सदस्यता अभियान के बाद अब पार्टी में मंडल स्तरों के चुनाव प्रक्रिया आरंभ होनी है। जिसके जरिए मंडल अध्यक्षों का चुनाव होगा। पार्टी में जहां से सदस्यता अभियान में मजबूती पाई है, वहां के पदाधिकारियों या जनप्रतिनिधियों को अधिक तव्वजों मिलना स्वाभाविक है।
जिले में भाजपा के सदस्यता अभियान के लिहाज से बात की जाए तो जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र की आठों सीटों में से आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित सभी पर भारी पड़े हैं। छगनसिंह राजपुरोहित लोकसभा क्षेत्र में प्रथम स्थान पर रहे हैं। वहीं जालोर जिले की बात की जाए तो जिले में आहोर प्रथम, जालोर द्वितीय, सांचौर तृतीय, भीनमाल चतुर्थ और रानीवाड़ा पंाचवे स्थान पर रहा। इसी प्रकार सिरोही में सिरोही विधानसभा क्षेत्र जिले में प्रथम स्थान पर रहा है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं, वहां विधायकों को इन सदस्यता अभियान का पूर्ण फायदा मिलेगा, वहीं जहां विधायक नहीं है वहां भाजपा की ओर से चुनाव में बने उम्मीदवार व पूर्व विधायकों को भी ग्रेडिंग दी जाएगी। इन्हीं ग्रेडिंग के लिहाज से मंडलों व जिले की कार्यकारिणी निर्धारित की जा सकेगी।
जालोर भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के लिए नए चेहरे भी तैयारी में
प्रदेश में भाजपा के सतीश पूनिया के रूप में नए अध्यक्ष बनने के बाद अब जिला स्तर पर भी कार्यकारिणी में बदलाव की संभावना है। लिहाजा इस कड़ी में जालोर में भी जिलाध्यक्ष के चुनाव संभव है। इस कारण पार्टी में अब नया चेहरा तलाशा जा रहा है। हालांकि, वर्तमान जिलाध्यक्ष रविन्द्रसिंह बालावत पर भी प्रबल विचार किया जाना संभव है, लेकिन बालावत ने स्वयं के स्तर पर आराम मांगा है। जिस कारण पार्टी के लिए दूसरा चेहरा तलाशना कठिन हो गया है। हालांकि, पार्टी के सामने जिले से कुछ नाम सामने आए हैं, लेकिन उन पर आम राय बन जाए यह अभी तय नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक जिले से पूर्व जिलाध्यक्ष भभूताराम सोलंकी, भीनमाल प्रधान धूखाराम पुरोहित, भारताराम देवासी, श्रवणसिंह राव जैसे नाम सामने आए हैं, लेकिन संगठन में इनकी पकड़ इतनी मजबूत नहीं होने के कारण किसी अन्य नाम पर विचार भी किया जा रहा है। वर्तमान में रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह देवल पर भी पार्टी जिलाध्यक्ष के रूप में विचार कर रही है, लेकिन सदस्यता अभियान में जिले में सबसे कम सदस्य होने के कारण इनके लिए भी रास्ता कठिन बना हुआ है। अब मंडल चुनावों के बाद तय हो पाएगा कि जालोर भाजपा जिलाध्यक्ष की सीट पर कोई नया चेहरा होगा या फिर बालावत ही रहेंगे।