फर्जी दुल्हन बनाकर ठगी करने वाली गैंग का खुलासा, पुलिस ने गैंग के मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

फर्जी दुल्हन बनाकर ठगी करने वाली गैंग का खुलासा, पुलिस ने गैंग के मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

फर्जी दुल्हन बनाकर ठगी करने वाली गैंग का खुलासा, पुलिस ने गैंग के मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
फर्जी दुल्हन बनाकर ठगी करने वाली गैंग का खुलासा, पुलिस ने गैंग के मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
  • पुलिस ने मुख्य अभियुक्त को अहमदाबाद के कपडग़ंज से किया दस्तयाब

फर्स्ट राजस्थान - सरूपगंज।

स्थानीय पुलिस ने फर्जी दुल्हन बनाकर विवाह कर ठगी कर फरार हो जाने वाली दुल्हन का अपराध करने वाली गैंग का खुलासा किया करते मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया।

पुलिस के अनुसार सिरोही पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक के निर्देशानुसार जिला सिरोही में पुराने लंबित प्रकरणों में संगठित गैंग बनाकर लोगों के साथ ठगी करने वाली संगठित अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस थाना सरूपगंज थानाधिकारी छगनलाल डांगी के नेतृत्व में गठित टीम सहायक उप निरक्षक राजेंद्र सिंह मय टीम कास्टेबल शैतानराम द्वारा थाना क्षेत्र की नितोड़ा ग्राम में करीब 8 माह पूर्व में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी दुल्हन बनाकर सहयोगी गैंग सदस्यों द्वारा रिश्तेदार बनकर बड़ी रकम ठग कर दुल्हन को फरार करने वाले मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने ठगी का पर्दाफाश करते हुए संगठित गैंग के मुख्य सरगना भंवर लाल उर्फ भावेश माली पुत्र नारायण माली निवासी जोधपुरिया ढाणी मालगढ़ पुलिस थाना डीसा ग्रामीण जिला बनासकांठा गुजरात हाल भूमि सोसायटी, कपड़गंज जिला खेड़ा गुजरात से दस्तयाब कर बापर्दा गिरफ्तार किया गया।

यह है पूरा मामला :
नितोड़ा निवासी दिनेश कुमार पुत्र भानाराम घांची ने रिपोर्ट देकर बताया कि 10 फरवरी 2020 को अभियुक्त मोनिका पुत्र जमुना राम घांची निवासी घांची का वास ,बांट पुलिस थाना मंडार के साथ सारणेश्वर जी मंदिर सिरोही में शादी की थी। इस विवाह में अभियुक्त का पिता चमनाराम घांची तथा दुल्हन के दो तीन अन्य रिश्तेदार भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि इन व्यक्तियों ने षड्यंत्र रच कर उससे तीन लाख अस्सी हजार नकद लिए थे ,शादी के बाद उसी दिन दिनेश घाची अपनी नवविवाहित पत्नी के साथ शाम को 4 बजे घर पहुंचे तथा रात्रि को 11 बजे दुल्हन मोनिका पेशाब करने का बहाना बनाकर घर से निकल गई। प्रार्थी दिनेश घांची ने 10 मिनट बाद देखा तो मोनिका घर के दरवाजे पर नहीं मिली। जिस पर पुलिस ने रिपोर्ट पर संगठित गैंग द्वारा फर्जी विवाह कर रुपए ठग कर दुल्हन के फरार हो जाने का मामला दर्ज कर अनुसन्धान शुरू किया।

इस तरह हुआ मामले का खुलासा :
थानाधिकारी छगनलाल डांगी ने बताया कि मामला संगठित गैंग द्वारा फर्जी दुल्हन बनाकर बड़ी रकम के ठगने का मामला होने से पुलिस द्वारा काफी प्रयास करने के बावजूद तथा अभियुक्तों के नामजद नहीं होने से पुलिस द्वारा प्रयास करने के बावजूद पता नहीं लगने पर एक विशेष टीम का गठन कर मामले के संबंध में अनुसंधान करने पर पता चला कि ग्राम बांट पुलिस थाना मंडार में घांची जाति की कोई भी व्यक्ति नहीं रहता है। जिस पर स्पष्ट हुआ कि प्रकरण में फर्जी दुल्हन द्वारा विवाह नामा तथा पहचान के दौरान दिया गया आधार कार्ड भी संघटित गैंग द्वारा फर्जी बनाया गया है। जिस पर पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए तकनीकी आधार पर विश्लेषण करते हुए प्रकरण में मुख्य अभियुक्त भंवर लाल उर्फ भावेश पडियार माली निवासी जोधपुरिया ढाणी मालगढ़ डीसा गुजरात को कपड़गंज गुजरात से दस्तयाब कर बापर्दा गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से आरोपी को पुनः तीन दिन के रिमांड पर पुलिस को सुपुर्द किया गया। अभियुक्त से गैंग के अन्य सदस्यों तथा फर्जी दुल्हन के संबंध में अनुसंधान जारी है। संगठित गैंग द्वारा फर्जी दुल्हन बनाकर ठगी की और वारदात करने के संबंध में भी मैसेज प्रसारित किया गया है। तथा थाना क्षेत्र में हुई घटना के संबंध में भी इस घटना में सम्मिलित गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

संगठित गैंग द्वारा अपराध करने का तरीका :
उक्त संगठित गैंग द्वारा अपराध करने के लिए भोले भाले ऐसे लोगों को निशाना बनाया जाता है। जिनका किसी कारणवश विवाह नहीं हो पाता तो यह संगठित गैंग गैंग के व्यक्ति जगह जगह अपने एजेंट के मार्फत ऐसे व्यक्तियों की खोज कर संपर्क करते हैं तथा उसकी जाति पता कर गैंग में शामिल महिला या लड़की का फोटो लगाकर संबंधित विवाह की आवश्यकता वाले व्यक्ति की जाति वाला नाम लगाकर फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उस लड़की के साथ गैंग के अन्य सदस्य पिता तथा अन्य रिश्तेदार बनकर किसी होटल पर दोनों पक्ष से मुलाकात करवाते हैं तथा विवाह का सौदा तय कर तथा फर्जी नाम से विवाह नामा तैयार कर पीड़ितों को विश्वास में लेकर उनसे कपड़े वगैरा मंगाकर दुल्हन तैयार कर किसी मंदिर में विवाह करवाते हैं तथा उससे पीड़ित पक्ष को विश्वास में लेकर बड़ी रकम ऐठ लेते हैं। तथा दुल्हन को घर भेज कर घर से भी सामान चोरी करवा कर फरार हो जाते हैं। काफी मामलों में पीड़ित बदनामी तथा फजीहत के डर से ज्यादातर मामलों में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाते हैं तथा फर्जी नाम पते होने से इस गैंग का पता भी नहीं चल पाता है।