कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ : जो सरकार न कर सकी वो एक सिपाही कर गया

कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ : जो सरकार न कर सकी वो एक सिपाही कर गया

कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ : जो सरकार न कर सकी वो एक सिपाही कर गया
कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ : जो सरकार न कर सकी वो एक सिपाही कर गया

first rajasthan @ जयपुर. छोटी सी घटना को लेकर पुलिस के प्रति नकारात्मक छवि बनाने वालों के लिए धर्मवीर जाखड़ का यह कार्य न केवल उनकी सोच बदलने के लिए काफी है बल्कि प्रेरणादायी भी। एक कॉन्स्टेबल ने वो कर दिखाया जो सरकार भी नहीं कर सकी। आइये पूरी कहानी बताते है …

8 माह पहले 6 साल से बंद गोविन्द भाकर रताऊ को सउदी अरब जेल से छुड़ाने के लिए आपणी पाठशाला चूरू की मुहिम को आप भी देखें जो आज सफल हो गई और गोविन्द जेल से रिहा हो गया… जल्द ही घर भी आ जाएगा…
7 साल पहले ओरों की तरह ही कमाने के लिए सउदी अरब गया था गोविन्द भाकर लगातार दो साल तक काम करता रहा लेकिन समय के फिर से एक दिन ड्राइवरी करते वक्त एक सऊदी नागरिक की गाड़ी से टकरा जाने के कारण मौत हो गई गाड़ी की इंश्योरेंस नहीं होने के कारण गोविन्द को तुरंत ही हिरासत में ले लिया और जेल भेज दिया कोर्ट ने आदेश किया 300000 रियाल जुर्माना और 100000 रियाल पीड़ित पक्ष की गाड़ी डैमेज कुल 400000 रियाल जुर्माना भरकर आपको अभी रिहा किया जा सकता है अन्यथा असीमित समय के लिए जेल में ही रहना होगा। लेकिन गोविन्द के परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि 400000 रियाल यानी करीब 80 लाख रुपए चुका कर गोविन्द को छुड़वा सके इस बीच गांव परिवार रिश्तेदार आदि ने मिलकर राजनेताओं की सहायता से और सऊदी में रह रहे साथी प्रताप बुरडक और झूमर जी ने भी गोविन्द को छुड़ाने के लिए भरसक प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली।

गोविंद भाखर

गोविन्द को जेल में करीब 5 साल हो गए लेकिन बिना जुर्माना अदा किए उन्हें छुड़वा पाने की सभी कोशिशें नाकाम हो रही थी तब ऐसे ही हालातों से स्वदेश लाए गए राणासर के राकेश जांगिड़ के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखकर गोविन्द के रिश्तेदार जयप्रकाश गेनाणा के भाई गोपाल, और गांव के भाई मूलचंद के द्वारा चूरू की आपणी पाठशाला टीम संपर्क हुआ। तो राकेश के रिहा होने के बाद पाठशाला टीम कॉन्स्टेबल धर्मवीर जाखड और दिनेश सैनी के नेतृत्व में साथी भामाशाह गुरूदत्त ढाका साहबा के साथ रताऊ गांव पहुंचकर गोविन्द के घर के हालात को देखते हुए एक बड़ी जुर्माना राशि को इकट्ठा करने के लिए फेसबुक से लाइव लेकर सभी साथियों को परिवार का दर्द बताया गया तो सबसे पहले ₹100000 परमेश्वर जी जांगिड़ और ₹21000 गुरुदत्त ढाका द्वारा देकर उसी समय इस मुहिम की शुरुआत की गई और उसी दौरान 21000 की राशि है सुनील जी,राजेशजी,भागीरथ जी तीनों ने मिलकर की। इस लाइव में हजारों साथी जुड़े जिनमें से बहुत सारे साथी अपने योगदान के लिए आगे आए लगभग डेढ़ 2 माह में 25 - 30 लाख के करीब राशि इकट्ठी हो गई

बहरीन में रह रहे साथी बड़े भाई साहब भागीरथ चौधरी बाजिया ने इस मुहिम को गति देने में अपने सभी मित्रों सोशल मीडिया आदि के साथ बड़ी महती भूमिका निभाई लेकिन इसी बीच सउदी अरब किंग कि भारत यात्रा के दौरान सउदी अरब की जेलों में बंद करीब 2000 भारतीयों को रिहा करने की बात कहने और चुनाव आ जाने के बाद रुपए इकट्ठा करने की मुहिम धीमी पड़ गई… मुहिम को फिर से गति देने के लिए बहरीन में रह रहे भागीरथ बाजिया, कृष्णा स्कूल के मालिक कृष्ण जी, राजेश हरिपुरा, गोपाल गेनाणा, मूलचंद रताऊ, जयप्रकाश,रामनिवास जी, जितेन्द्र जी, श्रवण जी बिडियासर आदि के आग्रह है और साथ मिलकर फिर से पाठशाला टीम रताऊ पहुंचकर कृष्ण जी के नेतृत्व में गांव के साथ मीटिंग कर फिर से फेसबुक पर लाइव आकर सभी साथियों को अपना सहयोग देने का आग्रह किया गया। इसके बाद फिर से मुहिम को गति मिली

भाई जेठाराम के नेतृत्व में बल्दू गाँव के युवाओं ने एक मुहिम बनाकर और घर घर पहुंच कर करीब ₹1000000 इकट्ठा किए इसके अलावा गेनाणा से भाई गोपाल के नेतृत्व में करीब पौने दो लाख इकट्ठा किए गए इसके अलावा इन समस्त साथियों और इनके अलावा ऐसे भी सैकड़ों साथी इस मुहिम में हिस्सा रहे जिनके नाम हमें भी याद नहीं इस प्रकार हजारों साथियों ने मिलकर आज 8100000 रुपए इकट्ठा कर एक बड़ी जुर्माना राशि अदा की गई है। पर चार लाख जुर्माना राशि चुका देने के बाद कोर्ट के कागजात मिल चुके हैं और अब गोविन्द जल्द हमारे बीच होगा। मानवता की ऐसी मुहिम अब तक न कहीं देखने को मिली और ना ही कहीं सुनने को हम धर्म के नाम पर जरूर इतनी बड़ी राशि इकट्ठी कर लेते हैं लेकिन इस मानवीय धर्म में ऐसा पहली बार देखा गया है।