आयुष कर्मियों की समस्याओं का स्थायी समाधान खोजे सरकार : सैनी

आयुष कर्मियों की समस्याओं का स्थायी समाधान खोजे सरकार : सैनी

  • आयुष चिकित्सा पैथियो को बढ़ावा देने की सीएम गहलोत की घोषणा का आयुष नर्सेज महासंघ ने किया स्वागत
  • आयुष नर्सिंग कर्मियों की मांगों का शीघ्र निराकरण हेतु सचिवालय स्तर पर विशेष कमेटी के गठन की रखी मांग

फर्स्ट राजस्थान @ जयपुर।

कोविड - 19 को लेकर आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को वीसी के जरिये आयोजित की गई समीक्षात्मक बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आयुर्वेद , होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा विभाग के नर्सिंग कर्मियों एवं चिकित्सकों के द्वारा कोरॉना संक्रमण से जन जीवन को बचाने के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुये राज्य में आयुष चिकित्सा पैथियो को ओर अधिक बढ़ावा दिये जाने की , की गई घोषणा का अखिल राजस्थान राज्य आयुष नर्सेज महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष छीतर मल सैनी ने स्वागत करते हुऐ सीएम गहलोत व चिकित्सा मन्त्री डॉ. रघु शर्मा को अलग अलग पत्र भेजकर प्रदेश के आयुष नर्सिंग कर्मियों की समस्याओं का स्थायी व शीघ्र समाधान खोजने के लिए सचिवालय स्तर पर महासंघ के पदाधिकारियों को शामिल करते हुऐ आयुर्वेद सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर कमेटी से शीघ्र रिपोर्ट तलब करने की मांग उठाई है।

सैनी ने बताया कि कोरोना रूपी आपदा से निपटने के लिये 7 अप्रेल 2020 को सरकार द्वारा एक आदेश जारी कर आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा विभागों के समस्त चिकित्सा अधिकारी व नर्सिंग कर्मचारियों की सेवा अग्रिम आदेश तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन कर दी गई है जो मेडिकल विभाग के साथ दिन रात 24 घण्टे इस संकट की घड़ी में प्रदेश की जनता की सेवा में जुटे है जिसकी मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री ने खुलकर तारीफ भी की है , की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे है।

सैनी के अनुसार बेरोजगार नर्सेज को नियुक्ति प्रदान करने , आयुष कनिष्ठ नर्स/कम्पाउंडर्स का पदनाम बदल कर नर्सिंग अधिकारी करने , स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के लिये देय लाभ/परिलाभ हेतु वित्त विभाग द्वारा जारी आदेशों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ साथ समस्त आयुष कर्मियों का भी नाम जोड़ने , आमजन की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना को हराने के लिये आयुष चिकित्सा विभाग को मेडिकल विभाग की अधीनता से मुक्त करने , मेडिकल विभाग की भांति आयुष कर्मियों को भी प्रोत्साहन राशी का भुगतान कर 50 लाख तक का बीमा रिस्क कवर प्रदान करने आदि मांगों के राज्य सरकार की ओर से विधिवत आदेश जारी होने की आयुष कर्मी आस लगाये बैठे है।