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अहमदाबाद प्लेन हादसा: आखिरी बार पायलट ने कहा था- थ्रस्ट नहीं मिल रहा, ब्लैक बॉक्स में मिली रिकॉर्डिंग

  • पायलट सुमित सभरवाल का अंतिम संदेश ATC को मिला: “प्लेन उठ नहीं रहा, नहीं बचेंगे।”
  • बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर विमान गिरने से 9 लोगों की मौत, जिसमें डॉक्टर और उनके रिश्तेदार शामिल।
  • हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 275 तक पहुंचा; फ्लाइट के 242 सवारों में से केवल एक यात्री जीवित।
  • पीएम मोदी ने घटनास्थल और सिविल अस्पताल का दौरा किया, पीड़ितों से मुलाकात की।
Ahmedabad Plane Crash - Pilot's Last Message | Plane Crash Updates | www.firstrajasthan.com

अहमदाबाद विमान हादसे के कुछ सेकंड पहले पायलट सुमित सभरवाल द्वारा एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को भेजा गया अंतिम ऑडियो संदेश सामने आया है। इस 4–5 सेकंड की रिकॉर्डिंग में पायलट तीन बार “मेडे” कहकर आपात स्थिति की सूचना देते हैं। इसके बाद वे कहते हैं, “थ्रस्ट नहीं मिल रहा… पावर कम हो रही है… प्लेन उठ नहीं रहा… नहीं बचेंगे।”

यह संदेश हादसे के तकनीकी कारणों की ओर इशारा करता है और बताता है कि उड़ान भरते समय विमान को पर्याप्त शक्ति नहीं मिल रही थी, जिसके कारण वह कुछ ही देर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

ब्लैक बॉक्स दो हिस्सों में होता है: इसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) शामिल होते हैं। FDR विमान की तकनीकी उड़ान जानकारी रिकॉर्ड करता है, जबकि CVR पायलट और क्रू की बातचीत को स्टोर करता है।

दुर्घटनाओं की जांच में अहम भूमिका: ब्लैक बॉक्स विमान के उड़ान भरने से दुर्घटना तक की हर सेकंड की जानकारी रिकॉर्ड करता है।

सुरक्षित और मजबूत: यह अत्यधिक तापमान, पानी और दबाव को सहन करने में सक्षम होता है, ताकि किसी भी दुर्घटना के बाद डेटा सुरक्षित रह सके।

हॉस्टल में 5 डॉक्टर समेत 9 की हुई मौत

दुर्घटनाग्रस्त विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन पर गिरा, जिसमें उस समय 60 से अधिक लोग मौजूद थे। हादसे में 5 डॉक्टरों और उनके परिजनों सहित कुल 9 लोगों की मौत हुई है। राहत कार्य के दौरान करीब 100 डॉक्टरों की टीम ने तत्परता दिखाते हुए 45 मेडिकल छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, छात्रावास की ऊपरी मंजिल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। धुआं भरने और आग लगने के बावजूद समय पर निकासी से कई जिंदगियां बचाई जा सकीं।

मृतकों की संख्या 275 पहुंची

अब तक मिली जानकारी के अनुसार, विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 12 क्रू सदस्य भी शामिल थे। इनमें से 241 की मौत हो चुकी है, जबकि एक यात्री जीवित बचा है। साथ ही बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में मौजूद 34 लोगों की भी जान गई है, जिससे मृतकों की कुल संख्या 275 हो गई है।

सिविल अस्पताल में 270 से अधिक शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है। मृतकों की पहचान का कार्य तेज़ी से जारी है।

प्रधानमंत्री का घटनास्थल दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया और इसके बाद सिविल अस्पताल जाकर घायलों व पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। केंद्र सरकार ने हादसे की जांच के लिए आठ एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है, जिनमें नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA), एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB), DGCA के अलावा अमेरिका और ब्रिटेन की विमानन जांच एजेंसियां भी शामिल हैं।

जांच एजेंसियां विमान के ब्लैक बॉक्स और पायलट कम्युनिकेशन की तकनीकी पड़ताल में जुटी हैं।

शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त, 50% से ज्यादा जले

हादसे में जान गंवाने वाले कई लोगों के शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) गांधीनगर और फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) मिलकर DNA टेस्टिंग का काम कर रही हैं।

NFSU के निदेशक प्रोफेसर एस.ओ. जुनारे के अनुसार, अब तक 250 शवों और 138 परिजनों के DNA सैंपल लिए जा चुके हैं। कई मामलों में एक ही शव के लिए एक से अधिक परिजनों के सैंपल लिए जा रहे हैं। विशेष तौर पर दांत, हड्डी और बोन मैरो के आधार पर परीक्षण किया जा रहा है, क्योंकि शरीर के अन्य हिस्से पूरी तरह जल चुके हैं।

पावर फेलियर हो सकता है हादसे का कारण

पायलट द्वारा दिए गए संदेश से यह संकेत मिलता है कि टेकऑफ के समय विमान में थ्रस्ट या पावर सप्लाई की गंभीर समस्या थी। शुरुआती जांच में इसे तकनीकी खराबी माना जा रहा है, हालांकि अंतिम रिपोर्ट आने तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला गया है।

DGCA और AAIB समेत सभी तकनीकी एजेंसियां दुर्घटनाग्रस्त विमान के इंजन और उड़ान से पहले के रिकॉर्ड की विस्तृत जांच कर रही हैं।

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