- भारत ने 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA के विकास को मंजूरी दी।
- वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) करेगी परियोजना का नेतृत्व।
- विमान में स्टील्थ तकनीक, AI आधारित सिस्टम, और सुपरक्रूज़ जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं होंगी।

भारत ने घरेलू रक्षा निर्माण को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 27 मई 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (Advanced Medium Combat Aircraft – AMCA) परियोजना को स्वीकृति दे दी। यह विमान भारतीय वायुसेना के लिए 5वीं पीढ़ी की श्रेणी में विकसित किया जाएगा, जो अत्याधुनिक स्टील्थ और मल्टी-रोल क्षमताओं से लैस होगा।
ADA के नेतृत्व में होगा निर्माण
इस परियोजना का विकास वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) के नेतृत्व में किया जाएगा। इसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की रक्षा व एयरोस्पेस कंपनियों को समान भागीदारी का मौका मिलेगा। ADA जल्द ही परियोजना के विकास के लिए EoI (रुचि पत्र) जारी करेगी, जिससे घरेलू कंपनियों को अपनी तकनीकी क्षमताएं प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
तकनीकी विशेषताएं होंगी विश्वस्तरीय
AMCA को रडार से बचने वाली स्टील्थ तकनीक, सुपरक्रूज़ क्षमता, AI-बेस्ड सिस्टम, और उन्नत सेंसर-हथियार संयोजन से लैस किया जाएगा। यह विमान मल्टी-रोल होगा, जो विभिन्न युद्ध परिस्थितियों में उपयोग किया जा सकेगा।
दो चरणों में होगा विकास कार्य
AMCA का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण Mk1 में GE F414 इंजन का उपयोग होगा, जबकि दूसरे चरण Mk2 में स्वदेशी इंजन और और अधिक उन्नत तकनीकों को जोड़ा जाएगा। पहला प्रोटोटाइप 2027 तक तैयार होने की उम्मीद है और 2030 तक वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
रणनीतिक और औद्योगिक महत्व
यह परियोजना न केवल भारत की रणनीतिक क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता घटाएगी, रोजगार के अवसर पैदा करेगी, और घरेलू रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी। AMCA भारत को वैश्विक रक्षा निर्यात बाजार में एक नया मुकाम दिला सकता है।
2030 तक वायुसेना में होगा शामिल
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक AMCA को भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया जाए। यह विमान पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का सामना करने में सक्षम होगा।