नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। खुफिया एजेंसी रॉ के इनपुट पर की गई इस बड़ी कार्रवाई को भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुल 9 आतंकी लॉन्चपैड्स और ट्रेनिंग सेंटर्स को निशाना बनाते हुए उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया।
हमले के टारगेट: जैश, लश्कर और हिजबुल के प्रमुख केंद्र
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, ऑपरेशन के तहत जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिद्दीन के 2 ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- मरकज सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, पुलवामा हमले की योजना यहीं बनी थी।
- मरकज तैयबा, मुरीदके: लश्कर का 82 एकड़ में फैला ठिकाना, जिसे ओसामा बिन लादेन ने फंड किया था।
- सरजाल तहरा कलां, सीमा के पास: सुरंगों और ड्रोन से भारत में घुसपैठ की योजना यहीं से बनती थी।
- महमूना जोया, सियालकोट: ISI की मदद से चलने वाला हिजबुल का कैंप।
- मरकज अहले हदीस, बरनाला (PoK): पुंछ और रियासी सेक्टर में घुसपैठ का गेटवे।
- मरकज अब्बास, कोटली: जैश का पॉवरहाउस, जहां 125 आतंकी ठहर सकते हैं।
- मस्कर राहील शाहिद, कोटली: पहाड़ी क्षेत्र में बना हिजबुल का ट्रेनिंग सेंटर।
- शावई नाला, मुजफ्फराबाद: लश्कर का स्टेजिंग और ट्रेनिंग बेस।
- सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद: LoC के करीब जैश का ट्रांजिट सेंटर।
रणनीति: हवाई हमले में 24 मिसाइलें, आतंकियों का सफाया
भारतीय वायुसेना ने इन ठिकानों पर 6 अलग-अलग लोकेशनों से 24 मिसाइलें दागीं, जिससे PoK में भारी तबाही हुई। पाकिस्तानी सेना के अनुसार, इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश आतंकी बताए जा रहे हैं।
पाकिस्तान का दावा और झूठ
पाक रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि उन्होंने भारत के 5 लड़ाकू विमान गिराए हैं — 3 राफेल, 1 सुखोई और 1 मिग-29। उन्होंने कुछ भारतीय सैनिकों के हिरासत में होने की बात भी कही, लेकिन बाद में अपने बयान से पलट गए।
पाकिस्तानी मीडिया ने जिस भारतीय जेट के मलबे की तस्वीरें दिखाई हैं, वे पुरानी और फर्जी पाई गई हैं।
भारत का सख्त संदेश: आतंक को बख्शा नहीं जाएगा
भारत का यह ऑपरेशन स्पष्ट संकेत है कि वह आतंकी हमलों का जवाब निर्णायक और सीमापार कार्रवाई से देने में सक्षम है। यह कार्रवाई पुलवामा के बाद बालाकोट स्ट्राइक जैसी ही बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।