जालोर : यह है कोरोना टेस्ट के असली खतरों के खिलाडी, रेड जोन में जाकर लेते है सैंपल

जालोर : यह है कोरोना टेस्ट के असली खतरों के खिलाडी, रेड जोन में जाकर लेते है सैंपल

फर्स्ट राजस्थान @ जालोर

कोरोना महामारी के इस दौर में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा उन फ्रोंटलाइन वारियर्स को रहता है जो हर पल आपकी और देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान दांव पर लगाते है। जहाँ कोरोना पॉजिटिव मरीज के पास जाने से और उसे छूने से लोग डरते है वहीं चिकित्सा सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के लिए अब यह खतरा लेना आम बात हो गया है।

पीपीई सूट पहनकर सैंपल लेते कर्मचारी। first rajasthan

आज हम आपको उन कोरोना कर्मवीरों के बारे में बताएँगे जो इस खतरे के काम को बड़ी सहजता से और हर रोज कर रहे है। फर्स्ट राजस्थान की इस ख़ास रिपोर्ट में देखिये किस तरह कोरोना के सैंपल लेने के लिए चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोग रोज खतरों से खेलते है।

पीपीई सूट पहनकर सैंपल लेते कर्मचारी। first rajasthan

शनिवार को जिले के मांडोली सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ए आर चौहान, मुकेश सुखाड़िया, मेल नर्स स्वरुप सिंह व लैब टेक्नीशियन किशोर काबावत की टीम मांडोली सहित आसपास गाँवो के सैंपल लेने के लिए मुस्तैद नजर आई।

पीपीई सूट पहनकर सैंपल लेते कर्मचारी। first rajasthan

कोरोना टेस्ट की प्रक्रिया को समझने के लिए फर्स्ट राजस्थान टीम ने बतौर लैब टेक्नीशियन काम करने वाले किशोर काबावत से बातचित की। किशोर ने फर्स्ट राजस्थान को बताया कि जब से कोरोना महामारी जालोर जिले में आयी है तब से वह नियमित कोरोना टेस्ट सैंपल लेने के लिए जा रहे है। इस काम में सावधानी एक अहम पहलु है। खुद को पीपीई किट के लिबास में एड़ी से लेकर चोटी तक कैद करना पड़ता है।

पीपीई सूट पहनकर सैंपल लेते कर्मचारी। first rajasthan

इसके बाद व्यक्ति का सैंपल लिया जाता है। सैंपल को सुरक्षित पैकिंग करके कोरोना जाँच की जाती है। इस काम में लापरवाही बिलकुल नहीं बरती जाती। सैंपल लेने के बाद सेनिटाइज़शन भी बेहद जरुरी होता है। जिसका हम सभी पूरा ध्यान रखते है।