विदेशों में बसे राजस्थानियों के साथ लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ की डिजिटल माध्यम से लाइव चर्चा, रायचन्द से दूर रहने व कर्मचंद बनने की दी सलाह
विदेशों में बसे राजस्थानियों के साथ लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ की डिजिटल माध्यम से लाइव चर्चा, रायचन्द से दूर रहने व कर्मचंद बनने की दी सलाह
- इतिहास व समसामयिक विषयों पर चर्चा कर रायचन्द से दूर रहने व कर्मचंद बनने की दी सलाह
- राजस्थान एसोसिएशन यूके गैलेक्सी ऑफ द स्टार्स का लाइव शो
- लाइव शो में लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ के साथ विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा
फर्स्ट राजस्थान
राजस्थानी इतिहास के महत्व व समसामयिक विषयों पर राजस्थान एसोसिएशन यूके गैलेक्सी ऑफ द स्टार्स (रॉक) के साथ महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ की डिजिटल माध्यम से मंगलवार को लाइव चर्चा हुई। इस चर्चा को राजस्थान एसोसिएशन यूके से हरेन्द्रसिंह जोधा व जितेन्द्रसिंह जोधा पुनास ने संचालित किया। यह लाइव शो कोरोनाकाल में विदेशों में बसे प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान की माटी से जोड़ने का है। इस लाइव शो के जरिए राजस्थानी भाषा, संस्कृति, लोक कलाकार, लोक संगीत, लोक कथा, कवि, इतिहासकार तथा अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति से संवाद कला प्रदर्शन से प्रवासी राजस्थानियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे है। संस्कृति व इतिहास पर हुई विशेष चर्चा इस चर्चा में लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ के साहित्य, इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर विषयों में रूचि एवं इनका आज के परिपेक्ष में महत्व और उपयोग पर विचार जाने। मेवाड़ ने सन्देश दिया कि हमें रायचंद (वह व्यक्ति जो बिना अनुभव के भी अनावश्यक राय देता है) प्रकृति से और इस प्रकार के व्यक्तित्व से बचना है और कर्मचंद (वह व्यक्ति जो काम करता है ) बनना है। इसी के साथ मेवाड़ ने राजस्थान एसोसिएशन यूके के निष्काम भाव से किये जा रहे कार्यो के लिए प्रशंसा भी की।

नई जानकारियों से कराया अवगत
रॉक के मेनचेस्टर निवासी नरेश नरुका ने महाराणा प्रताप के भाले के सन्दर्भ प्रचलित विषय पर सवाल पूछा, कहा जाता है कि उनका भाला लगभग 80 किलोग्राम का है क्या आपने उसे उठाया हैं, इस पर महाराज कुमार मेवाड़ ने कहा कि यह 80 किलो वजन सम्पूर्ण सत्य नहीं है , अपितु यह महाराणा प्रताप के भारी भरकम व्यक्तित्व के साथ जोड़ दिया हैं। यह सन्देश देने के लिए कि आपका गौरव आपके आसपास के लोगों , वस्तुओं का गौरव भी बड़ा देता है और वही उनके भाले के वजन के साथ हुआ है।
सहयोग का दिया भरोसा
मेवाड़ ने दिलीप पुंगलिया के सवाल राजस्थानी साहित्य एवं लोक कला के डिजिटलाइजेशन सुझाव को बहुत सराहा और अपनी तरफ से अपेक्षित योगदान देने के लिए तत्परता दिखाई। इस चर्चा को विराम देते हुए उन्होंने पुनः एकबार राजस्थान एसोसिएशन यूके को उनके सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों के लिए बधाई दी और किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए बेझिझक आवाज़ देने के लिए कहा। जितेंद्र सिंह जोधा ने उनके प्रोत्साहन तथा समय के लिए सभी प्रवासी राजस्थानी बंधुओं की तरफ से धन्यवाद दिया और विश्वास दिलाया कि रॉक अपनी निष्काम सेवाभाव को जारी रखेंगें और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ायेंगे।

पसंदीदा कविता का किया जिक्र
एसोसिएशन के जितेंद्रसिंह जोधा ने उनके साहित्यिक लगाव को देख उनके पसंदीदा कवि और कविता के विषय में उत्सुकता की तो महाराज कुमार मेवाड़ ने बताया कि उनके पसंदीदा कवि शैलेश लोढ़ा है जो की उनके मित्र भी है और उनकी माँ पर लिखी कविता उन्हें बेहद पसंद है। इसी चर्चा में कॉन्सुलेट जनरल ऑफ़ इंडिया बिर्मिंघम के भारतीय सांस्कृतिक प्रतिनिधि धीरज प्रकाश जोशी, रॉक के आदित्य सिंह शक्तावत, जीतेन्द्र सिंह जोधा पुनास, अनुभव चौधरी, दिग्पाल सिंह राठौड़, महावीर सिंह जोधा, दिलीप पुंगलिया, अर्पित जैन, प्रहलाद सिंह भाटी, अभिमन्यु सिसोदिया , नरेश नरुका और आलोक शर्मा खंडेला, नरेंद्र सिंह राठौड़ मझेला, शरवन सिंह भाटी भी उपस्थित रहे।
Report : Dileep dudi, 8290712541