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ईरान-इजराइल जंग के बाद ट्रम्प का बड़ा बयान, कहा- ईरान ने जंग में ‘बहादुरी’ से लड़ाई लड़ी, तेल बेचने से नहीं रोकेंगे

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नीदरलैंड्स में नाटो समिट के दौरान ईरान की जंग में दिखाई बहादुरी की खुलकर सराहना की।
  • ट्रम्प ने कहा कि ईरान को अपने नुकसान से उबरने के लिए ऑयल बेचने की जरूरत है और अमेरिका इस व्यापार को रोकना नहीं चाहता।
Trump at NATO Summit: Praises Iran's War Efforts, Supports Oil Trade for Recovery

नीदरलैंड्स में आयोजित नाटो समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को ऐसा बयान दिया, जिसने वैश्विक राजनीति में हलचल पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि ईरान ने हालिया जंग में “बहादुरी” से लड़ाई लड़ी है और अब उसे अपने नुकसान की भरपाई के लिए ऑयल बेचने का मौका मिलना चाहिए।

ट्रम्प ने साफ किया कि उनके पास ईरान के ऑयल कारोबार को रोकने की पूरी क्षमता है, लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर चीन या अन्य देश ईरान से तेल खरीदते हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।

ईरान-अमेरिका के बीच बातचीत की उम्मीद

ट्रम्प ने आगे कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच अगले सप्ताह बातचीत हो सकती है। उन्होंने इस पहल को शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया, हालांकि इस पर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

एक दिन पहले, नाटो समिट के लिए रवाना होते समय भी ट्रम्प ने संकेत दिए थे कि चीन अब ईरान से तेल खरीद सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि चीन अमेरिका से भी ऑयल खरीदेगा।

व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बाद में स्पष्ट किया कि ट्रम्प का यह बयान ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों में किसी तरह की राहत का संकेत नहीं है।

12 दिन की जंग के बाद सीजफायर

मंगलवार को ट्रम्प ने ईरान-इजराइल युद्ध पर सीजफायर का ऐलान किया था। इस 12 दिनों की जंग में दोनों देशों ने भारी नुकसान झेला, लेकिन अब दोनों ही सीजफायर की पुष्टि कर चुके हैं।

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस युद्ध को इजराइल की “ऐतिहासिक जीत” बताया है। उन्होंने कहा कि यह जीत पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी।

ईरान ने मिसाइलों और ड्रोन से किया हमला

इजराइल की इमरजेंसी सर्विस ‘मैगन डेविड एडोम’ के अनुसार, 12 दिनों तक चले ईरानी हमलों में 28 इजराइली नागरिक मारे गए और 3,000 से ज्यादा घायल हुए।

इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) के मुताबिक, युद्ध के दौरान ईरान ने 550 बैलिस्टिक मिसाइलें और करीब 1,000 ड्रोन इजराइल पर दागे। इनमें से अधिकांश को सुरक्षा प्रणालियों ने नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें आबादी वाले इलाकों में भी गिरीं।

तेहरान में मनाई गई ‘विजय’

ईरान ने भी खुद को विजेता बताया और तेहरान में ‘विक्ट्री सेलिब्रेशन’ का आयोजन किया। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस दौरान स्पष्ट किया कि उनका देश अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को बंद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस तकनीक को हासिल करने में उनके वैज्ञानिकों ने बड़ी कुर्बानियां दी हैं, और इसे खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता।

ईरान ने कूटनीति की अपील दोहराई

ईरान ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि युद्ध और धमकियों की नीति अब विफल हो चुकी है और दुनिया को एक बार फिर डिप्लोमेसी की ओर लौटना चाहिए।

तेहरान ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब उसकी संसद ने UN की परमाणु एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग रोकने संबंधी एक प्रस्ताव पारित किया है। हालांकि, इसे प्रभावी होने के लिए अब भी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मंजूरी का इंतजार है।

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