जालोर में बचपन बिताने वाले अभिषेक अब फ्रांस से उड़ाकर लाएंगे राफेल विमान

जालोर में बचपन बिताने वाले अभिषेक अब फ्रांस से उड़ाकर लाएंगे राफेल विमान

first rajasthan @ जालोर
आर्य वीर दल की शाखाओं में बचपन में पहलवान बनकर कुश्ती के दांव पेच  सीख कर प्रतिद्वंदी को परास्त करने का जज्बा रखने वाले  अभिषेक त्रिपाठी   आकाश के सिकंदर  राफेल को उड़ाने की महारत हासिल की है। जालौर शहर में ब्रह्मपुरी में बैंक में सर्विस करने वाले अनिल त्रिपाठी के घर जन्मे अभिषेक त्रिपाठी  विंग कमांडर के रूप में राफेल उड़ाकर भारत लौटेंगे। शहर में प्रारंभिक पढ़ाई  करने के बाद वे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली से एमएससी किया और भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों  के बेड़े में शामिल होने जा रहे राफेल फाइटर विमान को फ्रांस से  उड़ान भरकर भारत सुरक्षित  लाने के लिए जो भारतीय फाइटर पायलट फ्रांस गए हैं, उनमें से एक पायलट अभिषेक त्रिपाठी का संबंध राजस्थान की वीर भूमि जालौर से है|  जिनका जन्म जालौर में 9 जनवरी 1984   को हुआ | इनके पिता  अनिल कुमार त्रिपाठी भूमि विकास बैंक में तथा माताजी श्रीमती मंजू त्रिपाठी सेल टैक्स विभाग में कार्यरत थे |

abhishek tripathi pilot

अभिषेक त्रिपाठी एवं उनके छोटे भाई अनुभव त्रिपाठी जो वर्तमान में अमेरिका में एक मल्टीनैशनल कंपनी में इंजीनियर हैं। दोनों बचपन जालौर स्थित गुर्जरों का बास राजेंद्र नगर में बीता |  दसवीं कक्षा तक का अध्ययन इमानुएल सेकंडरी विद्यालय में अध्ययन किया | यह दोनों  भाई बचपन से ही पढ़ने में मेधावी छात्र रहे हैं |

 खेलों में भी रहे अग्रणी

इन दोनों भाइयों को  बचपन में खेलों का बहुत शौक था | पड़ोस में रहने वाले आर्य वीर दल के महामंत्री शिवदत्त आर्य की प्रेरणा से आर्य वीर दल   की शाखा में कदम रखा | 1997 में आर्य वीर दल जालौर में आयोजित जिला स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया | कई बार मेजर ध्यानचंद स्मृति क्रॉस कंट्री प्रतियोगिता में भी भाग लिया | इनके पिताजी  अनिल त्रिपाठी खेलों के बड़े प्रशंसक थे | वे स्वयं भी बैडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं | उच्च अध्ययन के लिए वे जयपुर चले गए तथा 11वीं और 12वीं मानसरोवर स्थित सीडलिंग पब्लिक स्कूल से उत्कृष्टअंको से उत्तीर्ण की |  2001 में एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने सपनों को उड़ान दी|

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इस ऐतिहासिक सफलता पर आपके परिवार जन एवं मित्र जनों ने प्रसन्नता व्यक्त की | एनडीए का प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में वायु सेना में अपनी सेवाएं प्रारंभ की | उसके बाद पदोन्नत होकर फ्लाइंग लेफ्टिनेंट, स्क्वाडर्न लीडर तथा वर्तमान में अंबाला में विंग कमांडर के पद पर कार्यरत हैं | आपने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से एमएससी की डिग्री भी प्राप्त की है | 

आपका विवाह उत्तर प्रदेश निवासी प्रियंका त्रिपाठी से हुआ है | बचपन में इनको खेल की तरफ मोटिवेट करने वाले शिवदत्त आर्य बताते हैं कि इनके माता पिता ने इनकी बचपन में बहुत अच्छी तरह परवरिश कर देश की सेवा करने के लिए एक सपना देखा था, वह  पूरा हुआ | इनके माता-पिता को एक आदर्श माता-पिता कहा जा सकता है | विंग कमांडर त्रिपाठी बहुत ही हंसमुख मिजाज के व्यक्तित्व के धनी हैं | वे वर्तमान समय में भी अपने बचपन के दोस्तों से एवं पड़ोसियों से भी अपनी याद ताजा करते रहते हैं | त्रिपाठी को कुश्ती के दांव पेच सीखा चुके आर्य समाज प्रधान दलपत सिंह आर्य व आर्य वीर दल के अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने कहा कि जालोर  नही अपितु  आर्य वीर दल के सभी कार्यकर्ता के लिए भी गर्व का दिन है। हमारे बीच में से उठा हुआ जांबाज  साथी जिस पर पूरा देश नाज कर रहा है | हम सभी उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं |