- देश में पहला नवाचार, चैटबॉट पर चैट, वीडिया या आडियो कॉल से मिलेगा परामर्श
- चैटबॉट के माध्यम से पशुपालकों को पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा मिलेगी घर पर
- पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने जारी किए चैटबॉट नंबर

जयपुर,22 अप्रैल। राजस्थान सरकार ने पशुपालकों के लिए महत्वाकांक्षी योजना मोबाइल वेटरिनरी यूनिट शुरू की है। इससे पशुओं के इलाज में लाभ मिलेगा।
सरकार के मंत्री जोराराम कुमावत ने योजना को शुरू करते हुए कहा कि मोबाइल यूनिट्स से संबंधित यह चैटबॉट एक नवाचार है।
मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि ‘1962-एमवीयू राजस्थान’ (चैटबॉट नंबर 9063475027) योजना पर पशुपालक चिकित्सा संबंधी जानकारी ले सकते है।
पशुपालकों को उनके पशुओं के लिए चिकित्सा उनके दरवाजे पर मिले, इसे ध्यान में रखते हुए मोबाइल वैटरिनरी यूनिट की सुविधा पशुपालकों के लिए शुरू की गई है।
सीएसआर योजना में होगा प्रचार प्रसार
प्रदेश में एक साल पहले मोबाईल वैटेरिनरी यूनिट्स का संचालन शुरू हुआ था। 1962-कॉल सेंटर को संचालित हुए भी लगभग छः महीने हो चुके हैं।
योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए कॉल सेंटर संचालनकर्ता फर्म ‘‘बीएफआईएल’’ द्वारा प्रचार-प्रसार सामग्री तैयार की गई है।
इन गतिविधियों में होने वाला व्यय कॉल सेंटर संचालनकर्ता फर्म ‘बीएफआईएल’ द्वारा सीएसआर के अंतर्गत किया जा रहा है।
पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा मिलेगी घर पर
मंत्री कुमावत ने कहा कि चैटबॉट के माध्यम से पशुपालकों को पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा उनके घर पर ही उपलब्ध हो जाएगी। इससे उनके समय, श्रम और पैसे की बचत भी होगी।
शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि पशुपालक टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से अपने पशुओं की समस्या के उपचार के लिए विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं।
देश में सबसे अधिक एमवीयू राजस्थान में हैं। पिछले एक साल में 41 लाख से अधिक पशुओं को चिकित्सा सुविधा इनके माध्यम से उपलब्ध कराई जा चुकी है।
1962 सेवाओं की उपलब्धता के विषय में प्रदेश के 10 लाख से अधिक पशुपालकों को एसएमएस भेजकर जागरूक किया जाएगा।