
जयपुर। भाजपा ने अलवर से पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा (Former MLA Gyandev Ahuja) की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी है।
पार्टी ने यह निर्णय संगठन विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते लिया है।
भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि,
“पार्टी अनुशासन के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है।”
ज्ञानदेव आहूजा (Former MLA Gyandev Ahuja) अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं
और लंबे समय तक पार्टी के सक्रिय और तेजतर्रार नेताओं में गिने जाते रहे हैं।
उनके विवादित बयानों और सार्वजनिक तौर पर पार्टी नेतृत्व की आलोचना को लेकर भाजपा नेतृत्व नाराज़ चल रहा था।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि “पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी नेता के लिए भाजपा में स्थान नहीं है।
अनुशासनहीनता को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
ज्ञानदेव आहूजा का जवाब
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, आहूजा को कई बार आंतरिक तौर पर चेतावनी दी गई थी,
लेकिन उन्होंने पार्टी निर्देशों की अवहेलना की और सार्वजनिक मंचों पर बयानबाज़ी करते रहे।
इसके बाद भाजपा प्रदेश संगठन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी।
सदस्यता समाप्त होने के बाद ज्ञानदेव आहूजा (Former MLA Gyandev Ahuja) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि
उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत निशाना बनाया गया है।
उन्होंने दावा किया कि वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और हमेशा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर खड़े रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वह अपने अगले कदम की घोषणा जल्द करेंगे।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस कार्रवाई से राजस्थान की राजनीति में हलचल मच गई है,
खासकर जब राज्य में आगामी महीनों में पंचायत और निकाय चुनाव होने हैं।
ज्ञानदेव आहूजा (Former MLA Gyandev Ahuja) के पास हिंदू वोट बैंक में प्रभाव रहा है,
ऐसे में देखना होगा कि वह भविष्य में किस राजनीतिक रास्ते को चुनते हैं।