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Shivganj नगर पालिका में डस्टबीन गुणवत्ता पर सवाल, एक माह में ही बिखर गए कचरा संग्रहण स्टैंड

सिरोही, 02 मई 2025। भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पालिका शिवगंज (Municipality Shivganj) द्वारा शहर में लगाए गए स्टैंड डस्टबीन मात्र एक माह में ही बिखरने लगे हैं।

इस खराब गुणवत्ता की मुख्य वजह टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार कर कोटेशन के आधार पर काम करवाना बताया जा रहा है।

Municipality Shivganj के अधिशासी अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश के तहत स्टोर शाखा ने बिना उचित टेंडर प्रक्रिया अपनाए डस्टबीन लगाने का ठेका कोटेशन पर दे दिया। जिससे डस्टबीन की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

Municipality Shivganj : एक डस्टबीन की कीमत ₹7000, फिर भी गुणवत्ता में भारी कमी


नगर पालिका शिवगंज (Municipality Shivganj) पालिका स्टोर शाखा के अनुसार,

एक कोटेशन में 12 डस्टबीन लगाने पर ₹90,000 की लागत आई,

यानी एक डस्टबीन की कीमत लगभग ₹7,000 बैठी।

इतनी लागत के बावजूद डस्टबीन इतने कमजोर निकले कि एक महीने के भीतर कुछ टूट गए, कुछ गायब हो गए,

और जो बचे हैं, वे कचरे से ओवरफ्लो होकर दुर्गंध फैला रहे हैं।

Municipality Shivganj के कार्य प्रशासक को जानकारी नहीं

नगर पालिका शिवगंज (Municipality Shivganj) बोर्ड के कार्यकाल खत्म होने के बाद उपखंड अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया गया है,

लेकिन प्रशासक नीरज मिश्र ने बताया कि उन्हें डस्टबीन लगाए जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई है।

पालिका के कार्यों को पारदर्शिता से नहीं किया जा रहा और प्रशासनिक स्तर पर सूचना की भारी कमी है।

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स्थानीय निवासियों में नाराजगी, स्वच्छता अभियान पर उठे सवाल:


शहरवासियों का कहना है कि डस्टबीन लगाने का उद्देश्य कचरा प्रबंधन और स्वच्छता को बढ़ावा देना था,

लेकिन आज यह स्थिति है कि टूटे डस्टबीन और फैला कचरा स्वच्छ भारत मिशन को मज़ाक बना रहे हैं।



“स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 डस्टबीन लगाए गए हैं। यह कार्य कोटेशन के आधार पर ₹90,000 में कराया गया था।”

महेंद्र पटेल, स्टोर शाखा प्रभारी, नगर पालिका शिवगंज:


“डस्टबीन लगाए जाने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकता है।”

नीरज मिश्र, उपखंड अधिकारी व प्रशासक, शिवगंज:

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