
जयपुर, 26 अप्रैल 2025: राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े (National Nutrition Fortnight) में राजस्थान ने अपनी चौथी रैंक में सुधार करते हुए पहला स्थान प्राप्त किया।
इस बार राजस्थान के 33 जिलों ने मिलकर 1,18,60,962 गतिविधियों की एंट्री की, जबकि दूसरे स्थान पर रहे छत्तीसगढ़ ने 1,09,51,961 एवं तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र ने 67,12,236 गतिविधियों की एंट्री की।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी (Deputy Chief Minister Diya Kumari) ने राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े के संबंध में 3 अप्रैल 2025 को बैठक ली थी,
लेकर आईसीडीएस (महिला एवं बाल विकास विभाग) के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए थे।
उसका परिणाम है कि राजस्थान ने अपनी रैंक सुधार करते हुए देश में पहले पायदान पर पहुंच गया।
पोषण पखवाड़ा: एक संक्षिप्त विवरण:
राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा (National Nutrition Fortnight ) भारत सरकार द्वारा 8 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया गया थ।
इसमें ‘पोषण अभियान’ का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसका उद्देश्य देश में पोषण के प्रति जागरूकता फैलाना है।
readalso: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संदेश, गांवों से शहरों की तरफ पलायन रोकने की हो पहल
पोषण पखवाड़ा 2025 की थीम: जीवन के पहले 1000 दिन:
नवजात से दो वर्ष तक का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पोषण ट्रेकर में लाभार्थी मॉड्यूल का प्रचार-प्रसार।
सीएमएएम मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण का समुदाय आधारित प्रबंधन।
बचपन में मोटापे से निपटने हेतु स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा।
उद्देश्य:
समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को संतुलित व पौष्टिक आहार की जानकारी देना।
आंगनवाड़ी सेवाओं, स्वास्थ्य कार्यक्रमों और शिक्षा विभागों के समन्वय से पोषण में सुधार करना।
लाभार्थियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म (पोषण ट्रेकर) से जोड़कर योजनाओं का लाभ पहुंचाना।
स्वस्थ जीवनशैली, पोषण विविधता, और स्थानीय खाद्य संस्कृति को बढ़ावा देना।
प्रमुख गतिविधियाँ
उद्घाटन समारोह (8 अप्रैल).
साइकिल रैली, वॉक, और प्रभात फेरी।
विशेष सुपोषण दिवस – गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए।
गृह भ्रमण और व्यक्तिगत परामर्श।
एन्थ्रोपोमेट्रिक माप।
स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता।
स्वयं पंजीकरण अभियान और वेबिनार।
नुक्कड़ नाटक, रेसिपी प्रतियोगिता, योग सत्र, जागरूकता शिविर।
पोषण संवाद और समापन समारोह (22 अप्रैल)।
समन्वय और निगरानी
इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, और सहयोगी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सभी गतिविधियों को पोषण ट्रेकर और जन आंदोलन डैशबोर्ड पर दर्ज किया गया और नियमित समीक्षा की गई।
राजस्थान के 33 जिलों द्वारा किए गए कार्यों के अनुसार:
चूरू – 15,36,980 एंट्रीज (प्रथम स्थान)
श्रीगंगानगर – 16,73,684 एंट्रीज (द्वितीय स्थान)
हनुमानगढ़ – 9,21,718 एंट्रीज (तृतीय स्थान)
टोंक – 9,09,097 एंट्रीज (चतुर्थ स्थान)
बीकानेर – 8,90,367 एंट्रीज (पांचवा स्थान)
प्रभाव और परिणाम
लाभार्थियों में पोषण के प्रति जागरूकता में वृद्धि।
गर्भवती, धात्री महिलाएं और किशोरियों में उचित आहार व्यवहार अपनाने की प्रवृत्ति में वृद्धि।
पोषण ट्रैकर में रजिस्ट्रेशन और एंथ्रोपोमेट्रिक डेटा के माध्यम से निगरानी प्रणाली मजबूत हुई।
स्थानीय पोषण ज्ञान और संस्कृति का आदान-प्रदान।