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BJP leader Rajendra Rathore का गहलोत पर हमला: गहलोत साहब, बाड़ाबंदी और प्रशिक्षण शिविर में नहीं कर पा रहे फर्क

जयपुर, 5 मई 2025 — राजस्थान की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (BJP leader Rajendra Rathore) ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा है कि गहलोत साहब आज भी बाड़ाबंदी और प्रशिक्षण शिविर के बीच फर्क नहीं कर पा रहे हैं।

राठौड़ ने कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद गहलोत पैरामाउंट और सूर्यमहल होटल भूल गए हैं, जहां से उन्होंने 34 दिनों तक अपनी सरकार को बचाने की कोशिश की थी।

उन्होंने कहा कि सरकार जाने के बाद अब गहलोत को अपने पुराने घाव याद आ रहे हैं और वे “कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना” की तर्ज पर बयानबाजी कर रहे हैं।

गहलोत को ‘निकम्मा’ और ‘नकारा’ शब्द नहीं कहना चाहिए था: BJP leader Rajendra Rathore

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अगर गहलोत अपने राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट से चर्चा कर लेते, तो शायद वे अपने पसंदीदा शब्द ‘निकम्मा’ और ‘नकारा’ का प्रयोग नहीं करते।

राठौड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है।

देशभर में भाजपा शासित राज्यों में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है,

readalso: गुजरात में भाजपा विधायकों के प्रशिक्षण पर गहलोत का तंज: “डेढ़ साल बाद सरकार को ट्रेनिंग की ज़रूरत क्यों पड़ी?”

जिनमें गुड गवर्नेंस, शुचिता की राजनीति, और नीतिगत निर्णय जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सत्र लिए जाते हैं।

उन्होंने गहलोत के “मौज-मस्ती” वाले बयान को बेबुनियाद बताया।

राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने कम समय में ही जनहित के कई फैसले लिए हैं।

भीषण गर्मी के बावजूद राज्य में बिजली कटौती और पानी की समस्या नहीं देखी जा रही,

जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार गंभीरता से काम कर रही है।

BJP leader Rajendra Rathore ने राहुल गांधी पर भी किया कटाक्ष

राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि

वे हर तीसरे महीने मौज-मस्ती के लिए विदेश यात्रा पर जाते हैं

और वहां जाकर भारत के खिलाफ बयानबाजी करते हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रशिक्षण के नाम पर केवल बाड़ाबंदी की जाती थी

और उसमें भी तीन करोड़ रुपये सिर्फ हवाई यात्रा पर खर्च कर दिए जाते थे।

विधायक कंवरलाल मीणा के मामले पर राठौड़ ने कहा कि जब मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है

और स्टे ऑर्डर मिल चुका है,

तो सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सवाल उठाना जनप्रतिनिधि का अधिकार है,

लेकिन रिश्वत जैसे मामलों में जांच एजेंसियां स्वतंत्र होती हैं।

प्रेसवार्ता में उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ,

और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज भी मौजूद रहे।

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