सिरोही। जिला न्यायालय सिरोही ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए जोधपुर विद्युत वितरण निगम (डिस्कॉम) के सिरोही अधीक्षण अभियंता कार्यालय (Sirohi Superintending Engineer Office) को सील कर दिया।
यह कदम न्यायालय के चार साल पुराने आदेश की लगातार अनदेखी के चलते उठाया गया।
कोर्ट ने 21 सितंबर 2021 को करंट से मौत के एक मामले में 16.59 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था
जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया।
यह मामला 12 अगस्त 2015 का है,
जब सिरोही के अखापुरा गांव में भंवर सिंह नामक किसान की करंट लगने से मौत हो गई थी।
वह अपने भाई भीम सिंह के साथ खेत पर फसल की रखवाली कर रहा था।
रात में पेशाब के लिए बाहर निकले भंवर सिंह की डीपी (ट्रांसफॉर्मर) के अर्थिंग वायर के संपर्क में आने से मौत हो गई।
पुलिस जांच और कोर्ट की कार्यवाही में सामने आया कि
बिजली विभाग की लापरवाही—विशेषकर अर्थिंग वायर का नियमित रखरखाव न होना—इस दुर्घटना का कारण बनी।
कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 10.83 लाख रुपये का मुआवजा और 11 अगस्त 2017 से ब्याज सहित राशि देने का आदेश दिया था।
4 साल की अवहेलना, सील हुआ Sirohi Superintending Engineer Office
जिला जज रूपा गुप्ता की कोर्ट ने आदेश की अवहेलना पर कड़ा रुख अपनाते हुए
मंगलवार को डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय को सील करवा दिया।
कार्रवाई के दौरान अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय छोड़कर चले गए।
कोर्ट ने 8 लाख रुपये की आंशिक भुगतान की पेशकश ठुकराते हुए एकमुश्त भुगतान का निर्देश दिया।
पीड़ित पक्ष के वकील एडवोकेट सुमेर सिंह राजपुरोहित ने बताया कि
भंवर सिंह की पत्नी की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी।
अब उनकी मां गंगा कंवर का भी हाल ही में निधन हो गया।
उनके तीन छोटे बच्चों में से दो नाबालिग हैं,
जो पढ़ाई छोड़कर राजस्थान से बाहर होटलों में बर्तन धोने जैसे काम कर रहे हैं।
“अगर समय पर मुआवजा मिल जाता, तो बच्चे पढ़ाई जारी रख सकते थे
और परिवार की स्थिति सुधर सकती थी,” वकील राजपुरोहित ने बताया।