- बाड़मेर के मणिहारी गांव में ग्रामीणों ने बिजली कंपनी द्वारा मुआवजा न मिलने के खिलाफ प्रदर्शन किया।
- पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें एक महिला भी शामिल थी, जिससे तनाव बढ़ गया।
- विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने ग्रामीणों का समर्थन करते हुए थाने के बाहर धरना दिया।

बाड़मेर के शिव इलाके के मणिहारी गांव में बिजली कंपनी की पोल लगाने और मुआवजा न मिलने पर ग्रामीणों के समर्थन में पहुंचे विधायक रविंद्र सिंह भाटी और पुलिस अधिकारी SHO मनीष देव के बीच तीखी कहासुनी हुई।
बिजली कंपनी के मुआवजे की मांग को लेकर पुलिस ने चार लोगों को, जिनमें एक महिला भी थी, डिटेन कर लिया था। इस कार्रवाई के विरोध में विधायक अपने समर्थकों के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठ गए।
मुआवजा न मिलने पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच विवाद
पावर ग्रिड कंपनी द्वारा गांव में लाइन बिछाने और पोल लगाने का कार्य चल रहा था, लेकिन मुआवजा नहीं मिलने से ग्रामीण विरोध कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ ग्रामीणों को हिरासत में लिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
विधायक ने पुलिस की वर्दी उतारने की चुनौती दी
विधायक भाटी ने पुलिस को ‘ईमान और धर्म’ के सवाल पर घेरा और कहा कि वे सरकार से सैलरी लेते हैं लेकिन कंपनी की तरफदारी करते हैं।
विधायक भाटी ने कहा कि पुलिस अधिकारी ‘कंपनियों के पिट्ठू’ बन गए हैं और अशोक स्तंभ (राष्ट्रीय प्रतीक) को लज्जा आनी चाहिए। इस पर SHO मनीष देव ने जवाब दिया कि वर्दी उतारना हो तो वे खुद उतार देंगे, लेकिन विधायक को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए।