- ईडी की बड़ी कार्रवाई: पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित घर पर मंगलवार सुबह से छापेमारी जारी।
- चिट फंड मामला: पचास हजार करोड़ के निवेश घोटाले में जांच के तहत ईडी की टीम सक्रिय।
- राजनीतिक बयान: खाचरियावास ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया, लेकिन सहयोग का भरोसा दिया।

जयपुर के सिविल लाइन्स इलाके में मंगलवार सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। इस कार्रवाई ने राजस्थान की राजधानी में हलचल मचा दी है। खाचरियावास, जो अशोक गहलोत सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, इस समय अपने बड़े भाई करण सिंह के साथ इस आवास में रहते हैं।
ईडी की इस छापेमारी का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह एक बड़े चिट फंड घोटाले से जुड़ी है। इस मामले में पचास हजार करोड़ रुपये के निवेश की जांच की जा रही है।
कांग्रेस समर्थकों में हलचल
ईडी की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही कांग्रेस समर्थक खाचरियावास के घर की ओर रवाना हो गए हैं। वहीं, कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी इस छापेमारी को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी हैं।
चिट फंड घोटाले से जुड़ी है कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, यह मामला एक चिट फंड घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें प्रताप सिंह खाचरियावास की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। इससे पहले भी ईडी ने उन्हें इस मामले में सम्मन भेजा था।
खाचरियावास का बयान
ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, “वे यहां तलाशी और छापेमारी करने आए हैं। मैं उनके साथ पूरा सहयोग करूंगा। लेकिन मेरा मानना है कि भाजपा राजनीति के लिए ईडी का दुरुपयोग कर रही है। मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं। मुझे पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया, सीधे छापेमारी हुई।”
इस छापेमारी ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है, बल्कि आम जनता के बीच भी यह चर्चा का विषय बन गया है। ईडी की टीम द्वारा आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।