- सिरोही में महात्मा गांधी नरेगा के तहत फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया।
- जिला परिषद सिरोही ने आरोपी को हटाने या कानूनी कार्यवाही करने से इनकार किया, जिससे भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव का संकेत मिला।
- पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ीलाल मीणा से मिलकर एसओजी जयपुर में एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

जयपुर/सिरोही। जिले में मनरेगा के तहत नियुक्त एक कर्मचारी की शैक्षणिक योग्यता पर उठे सवाल अब प्रमाणित हो चुके हैं, लेकिन कार्रवाई का इंतज़ार अब भी जारी है। कनिष्ठ तकनीकी सहायक महेंद्र कुमार द्वारा प्रस्तुत डिप्लोमा के दस्तावेज राजस्थान प्राविधिक शिक्षा मंडल, जोधपुर ने फर्जी घोषित कर दिए हैं। इसके बावजूद, संबंधित अधिकारी न केवल सेवा में बने हुए हैं बल्कि जिला परिषद सिरोही की चुप्पी ने पूरे मामले को संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है।
सिरोही जिला परिषद ने 29 जुलाई 2024 को दस्तावेज़ सत्यापन के लिए मंडल को पत्र भेजा था, जिसका जवाब 12 अगस्त को मिला। जवाब में स्पष्ट किया गया कि महेंद्र कुमार के दस्तावेज न तो मंडल द्वारा जारी किए गए हैं, न ही वे उनके रिकॉर्ड में दर्ज हैं। यहां तक कि प्रस्तुत किया गया रिकॉर्ड किसी अन्य छात्र का निकला। आश्चर्य की बात यह है कि दस्तावेज़ सत्यापन के लिए खुद आरोपी को ही जोधपुर भेजा गया, जिसने वहां से दस्तावेज लाने की बजाय फर्जी मुहर और हस्ताक्षर के साथ नकली प्रमाणपत्र तैयार कर पंचायत समिति रेवदर में जमा करा दिया।
अधिकारी की चुप्पी पर भी उठे सवाल
तत्कालीन विकास अधिकारी आवडदान चारण को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कार्रवाई के आदेश दिए, लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। मामले के खुलासे के बावजूद न एफआईआर हुई, न नौकरी से बर्खास्तगी।
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने 24 अप्रैल 2025 को ग्रामीण विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी दी और एसओजी, जयपुर से जांच की मांग की। लोढ़ा ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है, इसलिए कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
मंत्री मीणा से शिकायत, एसओजी जांच की मांग
पूर्व विधायक लोढ़ा ने रविवार को जयपुर में ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा से मुलाकात की और इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए संबंधित कार्मिक को तत्काल सेवा से हटाने तथा एसओजी पुलिस से मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की। मंत्री को प्रस्तुत दस्तावेज़ों में स्पष्ट दिखाया गया कि आंतरिक जांच कमेटी बनाकर जिला परिषद ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
मनरेगा भुगतान में हो रही भारी देरी
लोढ़ा ने मंत्री मीणा के समक्ष मनरेगा से जुड़े अन्य गंभीर मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि एक साल से मेट का भुगतान नहीं हो रहा, और मजदूरों के मेहनताना भुगतान में चार-चार महीने की देरी हो रही है, जबकि कानूनन दस दिन में भुगतान अनिवार्य है। उन्होंने इसे केंद्र सरकार के स्तर पर उठाने का आग्रह किया।
अवैध बजरी खनन और नकली खाद-बीज भी मुद्दा
लोढ़ा ने मंत्री को सिरोही में धड़ल्ले से हो रहे अवैध बजरी खनन की ओर भी ध्यान दिलाया, जिसमें प्रशासनिक चुप्पी को उन्होंने गंभीर बताया। इसी तरह गुजरात से सप्लाई हो रही नकली खाद और बीज की शिकायत भी दर्ज की गई। उनका आरोप है कि यह खाद घुलती नहीं, और बीज अंकुरित तक नहीं होता।
सब इंस्पेक्टर भर्ती व आदर्श क्रेडिट घोटाले पर भी निशाना
लोढ़ा ने सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले और आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले की संपत्तियों के गलत म्यूटेशन को लेकर भी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य रजिस्ट्रार सहकारिता व संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा पीएमएलए एक्ट की अवहेलना की जा रही है, जिससे सरकार की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगते हैं।