- मालगांव में 31 हजार वर्गफुट में हायर सैकंडरी स्कूल का निर्माण के. पी. संघवी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है।
- राज्य सरकार द्वारा आवंटित 10 बीघा जमीन पर ट्रस्ट निजी स्तर पर निर्माण कार्य करेगा।
- आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह स्कूल भवन दो वर्षों में बनकर तैयार होगा।

मुख्यमंत्री जनसहभागिता योजना के तहत केपी संघवी चेरिटेबल ट्रस्ट पावापुरी की ओर से बनवाए जा रहे हायर सैकंडरी स्कूल के नवीन भवन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास सोमवार को होगा।
इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद लुम्बाराम चौधरी और केपी संघवी परिवार के सदस्य दिलीप एच. संघवी और अपूर्व के. संघवी शामिल होंगे।
राज्य सरकार द्वारा आवंटित 10 बीघा भूमि का समतलीकरण कार्य रविवार को पूरा कर लिया गया है और शिलान्यास की तैयारियां चल रही हैं।
स्कूल के प्रधानाचार्य मुकेश कुमार और ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी महावीर जैन ने बताया कि यह निर्माण कार्य राज्य सरकार द्वारा नहीं, बल्कि ट्रस्ट अपने स्तर पर करवा रहा है। यह राज्य का पहला ऐसा प्रस्ताव है जिसे सरकार ने मंजूरी प्रदान की है।
31 हजार वर्गफुट में बनेगा स्कूल
नया स्कूल भवन 31 हजार वर्गफुट में निर्मित होगा, जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भूतल और प्रथम तल पर कक्षा कक्षों का निर्माण होगा। राज्य सरकार ने इस परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है, और तकनीकी स्वीकृति मिलते ही भवन निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
ट्रस्ट के चेयरमैन किशोर एच. संघवी ने बताया कि इस स्कूल भवन का निर्माण दो वर्षों में पूर्ण कर इसे राज्य सरकार को सुपुर्द किया जाएगा।
शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे ये अतिथि
शिलान्यास समारोह में सांसद लुम्बाराम चौधरी, क्षेत्रीय विधायक मोतीराम कोली, जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित, प्रधान राधिका देवासी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मृदुला व्यास और ग्राम पंचायत की प्रशासिका निरमा देवी मेघवाल शामिल होंगे।
नए स्कूल भवन को लेकर मालगांव में भारी उत्साह है। ग्रामीण जैन मंदिर के बाहर भामाशाह के. पी. संघवी परिवार और आमंत्रित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत करेंगे। वहां से ढोल-ढमाकों के साथ शिलान्यास स्थल तक जुलूस निकाला जाएगा।
ग्रामीणों ने नया स्कूल भवन बनाने पर गांव में बैनर लगाकर के. पी. संघवी परिवार का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया है। वर्तमान में संचालित स्कूल की नींव 75 वर्ष पूर्व जैन समाज द्वारा रखी गई थी और इसे श्री सुमतिनाथ विद्यालय के नाम से बनवाया गया था।