- राजस्थान सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों से जुड़ाव बढ़ाने के लिए नया विभाग बनाने का ऐलान किया।
- जयपुर में 10 दिसंबर 2025 को प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
- सम्मेलन में प्रवासियों के विशिष्ट योगदान को सम्मानित किया जाएगा।

राजस्थान सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों को राज्य से भावनात्मक और संस्थागत रूप से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में ऐलान किया कि प्रवासियों के लिए एक अलग विभाग का गठन किया जाएगा। यह विभाग दुनियाभर में बसे उन राजस्थानियों से संवाद, सहयोग और समस्याओं के समाधान का एक केंद्रीकृत माध्यम बनेगा, जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से राज्य का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।
जयपुर में 10 दिसंबर को सम्मेलन
राज्य सरकार 10 दिसंबर 2025 को जयपुर में प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन आयोजित करेगी, जिसमें भारत और विदेशों में बसे हजारों प्रवासी राजस्थानी हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर उन प्रवासियों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक और अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दिया है।
सम्मेलन न केवल सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम होगा, बल्कि निवेश और राज्य की प्रगति में प्रवासियों की भूमिका को भी संरचनात्मक पहचान देगा।
जिलों में नोडल अधिकारी और सिंगल प्वाइंट सिस्टम
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रवासियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए हर जिले में अतिरिक्त जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। साथ ही, एक सिंगल प्वाइंट कॉन्टैक्ट सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिससे प्रवासी नागरिक सीधे जिला प्रशासन से जुड़ सकेंगे।
राजस्थान फाउंडेशन को नई जिम्मेदारी
बैठक में राजस्थान फाउंडेशन को अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए। इसके 14 नए चैप्टर्स के अध्यक्षों को कहा गया है कि वे जल्द कार्यकारिणी गठित करें और प्रवासी समुदाय के साथ मजबूत संवाद स्थापित करें।
अब हर साल 10 दिसंबर को ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’
सरकार की नई योजना के तहत अब हर साल 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह दिन राज्य और प्रवासियों के बीच रिश्तों की गहराई को और मजबूत करेगा। सरकार मानती है कि प्रवासियों का अनुभव और निवेश प्रदेश के विकास का एक नया इंजन बन सकता है, और इसके लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
यह पहल न केवल भावनात्मक जुड़ाव को संस्थागत रूप देगी, बल्कि भविष्य की विकास योजनाओं में भी प्रवासियों को निर्णायक भागीदार बनाएगी।