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उड़वारिया टोल पर ठगी का धंधा! मुफ्त पास के बाद फास्टैग से वसूली, सांसद लूंबाराम की चेतावनी भी बेअसर

  • टोल कर्मियों की गुंडागर्दी से वाहन चालकों में रोष, रोज़ाना मारपीट और जाम की स्थिति।
  • फास्टैग से ठगी का खेल: पहले मुफ्त पास, फिर खाते से पैसे कटौती। सांसद लूंबाराम चौधरी की फटकार का भी टोल प्रशासन पर कोई असर नहीं।
"Udwariya Toll Plaza staff clashing with drivers" or "उड़वारिया टोल प्लाजा पर कर्मियों का विवाद"

फर्स्ट राजस्थान, सरूपगंज। सिरोही जिले के उड़वारिया टोल प्लाजा पर हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। टोल कर्मियों की मनमानी और गुंडागर्दी ने वाहन चालकों का जीना मुहाल कर दिया है। यहां रोज़ाना झगड़े, मारपीट और लंबे जाम की स्थिति बन रही है।

खास बात यह है कि टोल कर्मी स्थानीय वाहनों को पहले मुफ्त में निकालने का दिखावा करते हैं, लेकिन बाद में फास्टैग से पैसे काटकर चालकों को ठग रहे हैं। इस मुद्दे पर सांसद की फटकार और पुलिस के आश्वासन भी बेअसर साबित हो रहे हैं।

टोल पर बढ़ती परेशानी

उड़वारिया टोल के आसपास सरूपगंज एक बड़ा केंद्र है। यहां अस्पताल, स्कूल, थाना और कई सरकारी दफ्तर हैं। टोल से महज कुछ कदम की दूरी पर बस्तियाँ हैं, और 20 किलोमीटर के दायरे में दो दर्जन से ज्यादा गाँव बसे हैं।

ग्रामीणों को रोज़मर्रा के काम के लिए बार-बार टोल से गुजरना पड़ता है। कुछ लोग तो टोल से 500 मीटर के दायरे में ही रहते हैं। ऐसे में टोल कर्मियों का रवैया परेशानी का सबब बन गया है। हर बार बहस और विवाद के बाद जाम लगना आम बात हो चुकी है।

पहले मुफ्त, फिर ठगी का खेल

पहले उड़वारिया टोल पर स्थानीय वाहनों को मुफ्त आने-जाने की छूट थी। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि 2010 के गजट नोटिफिकेशन में स्थानीय लोगों के लिए 50 प्रतिशत रियायत का प्रावधान था। टोल प्रबंधन ने अपनी मर्जी से इसे मुफ्त कर दिया था। लेकिन फास्टैग लागू होने के बाद स्थिति बदल गई।

अब टोल कर्मी वाहन को मुफ्त निकालने का ढोंग करते हैं और पीछे से फास्टैग के जरिए पैसे वसूल लेते हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों को 275 रुपये महीने का फास्टैग पास भी शुरू किया गया है।

विवाद और जाम का सिलसिला

टोल पर वसूली के तरीके से नाराज़ वाहन चालक अक्सर कर्मियों से उलझ पड़ते हैं। कई बार बहस मारपीट में बदल जाती है। नतीजा यह है कि टोल पर लंबे जाम लगते हैं और लोगों को घंटों इंतज़ार करना पड़ता है। हाल ही में गुजरात से आए पर्यटकों के साथ हुई घटना ने सबको चौंका दिया।

उनकी बस का टैक्स कट नहीं पाया तो टोल कर्मियों ने बस को पीछे करने को कहा। चालक ने पीछे वाहनों की भीड़ का हवाला दिया तो कर्मियों ने पर्यटकों पर हमला बोल दिया। वायरल वीडियो में टोल कर्मी बेल्ट से महिलाओं को पीटते नज़र आए।

सांसद की फटकार भी बेफिजूल

पिछली दिशा बैठक में जालोर-सिरोही सांसद लूंबाराम चौधरी ने टोल अधिकारियों को जमकर लताड़ा था। उन्होंने स्थानीय लोगों के लिए रियायत की माँग की थी। लेकिन उनकी बात का कोई असर नहीं हुआ। न तो टोल प्रशासन ने कोई कैंप लगाया, न ही स्थानीय लोगों को राहत देने की कोशिश की। सरूपगंज थाने की सीएलजी बैठक में भी यह मुद्दा गूँजा। यहाँ मौजूद लोगों ने टोल कर्मियों पर ठगी और गुंडागर्दी के आरोप लगाए।

Toll Staff’s Misconduct at Udwariya - Toll Plaza Chaos | FirstRajasthan.com

पुलिस का आश्वासन, हालात जस के तस

सीएलजी बैठक में एसपी अनिल बेनीवाल ने समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। लोगों ने बताया कि टोल कर्मी पहले वाहन को मुफ्त निकालते हैं, फिर फास्टैग से पैसे काट लेते हैं। कुछ ने तो कर्मियों को साइबर ठग तक करार दिया। बैठक में सरपंच प्रतिनिधि दीपक चौधरी और व्यापार मंडल अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने कहा कि टोल पर शरारती तत्वों को बैठाया गया है, जो रोज़ विवाद खड़ा करते हैं। लोगों का मानना है कि जब टोल की कमान ऐसे हाथों में है, तो शांति की उम्मीद बेकार है।

उड़वारिया टोल प्लाजा का यह मसला अब आम लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी सिरदर्द बन गया है। हालात कब सुधरेंगे, यह सवाल अभी अनसुलझा है।

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