- बीजेपी सांसद से जाति प्रमाण की मांग – बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने बीजेपी सांसद मन्नालाल रावत से उनकी भील पहचान का प्रमाण देने को कहा।
- एसटी आरक्षित सीट पर सवाल – रोत ने पूछा कि यदि रावत भील नहीं हैं, तो उन्होंने अनुसूचित जनजाति (ST) आरक्षित सीट से चुनाव कैसे लड़ा?

राजस्थान की राजनीति में एक नया विवाद उभर आया है। भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद मन्नालाल रावत के बीच तनातनी और गहरी हो गई है। इस बार सांसद रोत ने रावत की जाति पर ही सवाल उठा दिया है।
बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत पर निशाना साधते हुए उनसे उनकी जाति का प्रमाण मांगा है। रोत ने कहा, “अगर रावत भील नहीं हैं, तो फिर अनुसूचित जनजाति (ST) आरक्षित सीट से चुनाव कैसे लड़ गए? यदि वह वास्तव में भील हैं, तो उन्हें अपने आदिवासी होने का प्रमाण देना चाहिए।”

रावत समाज में रोष, महासभा ने किया विरोध
यह विवाद तब भड़का जब मेवाड़ क्षत्रिय रावत महासभा ने मन्नालाल रावत के उस बयान का विरोध किया, जिसमें उन्होंने रावत जाति को भील जाति से जोड़ा था। महासभा के अनुसार, उदयपुर जिले के भींडर, बड़ीसादड़ी, कानोड़ और वल्लभनगर में रहने वाले रावत समाज के लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आते हैं और उनकी पहचान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
पहले भी हो चुके हैं धरने-प्रदर्शन
रावत समाज इस मुद्दे पर पहले भी अपना विरोध दर्ज करा चुका है। महासभा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के बयान सामने आए हैं। इससे पहले भी समाज ने धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया था। अब सांसद राजकुमार रोत के बयान के बाद यह विवाद और तूल पकड़ सकता है।
क्या कहेंगे मन्नालाल रावत?
बीजेपी सांसद मन्नालाल रावत ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे सांसद रोत के सवालों का जवाब कैसे देते हैं। वहीं, यह मामला राजनीतिक रूप से और गर्माने की संभावना है क्योंकि चुनावी माहौल में आदिवासी और ओबीसी समुदायों की पहचान को लेकर बहस तेज होती जा रही है।