- सिरोही जिले में सरकारी अधिकारियों की एफआईआर दर्ज नहीं होने से सांसद लुम्बाराम चौधरी ने जताई नाराजगी।
- बीएसएनएल उपकरण चोरी के मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई। सांसद ने थानेदारों को सुधारने या लाइन में बैठाने के सख्त निर्देश दिए।

सिरोही जिले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, जहां सरकारी अधिकारियों की एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रही। मामला आदिवासी क्षेत्र आबू-पिंडवाड़ा में बीएसएनएल के उपकरण चोरी से जुड़ा है। सांसद लुम्बाराम चौधरी ने जब इसकी जानकारी ली, तो पता चला कि चोरी की घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिशें बेकार हो रही हैं।
सांसद का सख्त रुख: थानेदार सुधरें या लाइन में बैठें
सांसद चौधरी ने जिला विकास एवं समन्वय समिति (दिशा) की बैठक में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि थानेदारों को सुधरने की सख्त हिदायत दें। यदि सुधार नहीं होता, तो उन्हें लाइन में बैठाया जाए और दूसरे अधिकारियों को फील्ड में तैनात किया जाए। इस पर एएसपी प्रभुदयाल धानिया ने सांसद को आश्वासन दिया कि सुधार किया जाएगा।
बीएसएनएल अधिकारी की पीड़ा
डिजिटल इंडिया पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम के तहत जानकारी मांगने पर बीएसएनएल के अधिकारी ने अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने कहा कि उपकरण चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिशें नाकाम रही हैं। अधिकारी ने चोरी की रिपोर्ट की प्रति सांसद को सौंपी, जिससे समस्या की गंभीरता उजागर हुई।
“चोरी होती है तो काम बंद कर दो”
बीएसएनएल अधिकारी ने बताया- उन्होंने स्थानीय विधायक समाराम गरासिया से भी इस मामले पर बात की थी। लेकिन उन्हें केवल यह जवाब मिला कि यदि चोरी होती है, तो काम बंद कर दें।
“एफआईआर नहीं तो जनता का क्या होगा?”
सांसद चौधरी ने चिंता व्यक्त की कि यदि सरकारी अधिकारियों की शिकायतें नहीं सुनी जा रही हैं, तो आम जनता के साथ क्या हो रहा होगा। उन्होंने तीनों संबंधित थानेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।