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सिरोही को रेलवे से जोड़ने की मंजूरी, सांसद लुम्बाराम की कोशिशों से नई रेल लाइन सर्वे को हरी झंडी

  • सिरोही जिले के लिए 96 किमी लंबी नई रेल लाइन के सर्वे को स्वीकृति मिली।
  • केंद्र सरकार ने मारवाड़ बागरा-जालौर-सिरोही-सरूपगंज रेलवे लाइन सर्वे को मंजूरी दी।
  • सांसद लुंबाराम चौधरी ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और रेल मंत्री सहित कई नेताओं से कई बार पत्राचार किया।
Sirohi to Get New Railway Line, Survey Approved

सिरोही ज़िले के लोगों को वर्षों बाद वो ख़बर मिली है जिसका उन्हें लंबे समय से इंतज़ार था। जिले को रेलवे से जोड़ने की दिशा में अब ठोस कदम उठ चुका है। केंद्र सरकार ने मारवाड़ बागरा–जालौर–सिरोही–सरूपगंज के बीच प्रस्तावित 96 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के सर्वे को स्वीकृति दे दी है। यह जानकारी खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सांसद लुम्बाराम चौधरी को फोन कर दी।

वर्षों पुरानी मांग में आई गति

सिरोही को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन अब तक यह सिर्फ़ फाइलों में उलझी रही। सांसद लुम्बाराम चौधरी ने इस मुद्दे को बार‑बार उठाया और अलग‑अलग स्तरों पर केंद्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक, चौधरी ने हर जिम्मेदार पदाधिकारी तक जिले की ज़रूरतें पहुंचाईं। रेलवे से वंचित आकांक्षी जिले सिरोही के लिए अब यह एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

96 किलोमीटर रूट पर प्रस्तावित रेललाइन

यह प्रस्तावित रेल लाइन मारवाड़ बागरा से शुरू होकर जालौर, सिरोही होते हुए सरूपगंज तक पहुंचेगी। कुल 96 किलोमीटर की यह लंबाई सिरोही को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने का काम करेगी। सर्वे के बाद अब निर्माण की दिशा में भी योजनाएं तय होंगी।

सांसद बोले—जनता की जीत है यह

सर्वे की स्वीकृति के बाद सांसद चौधरी ने मीडिया से बातचीत में इसे “सिरोही की जनता के संघर्ष की जीत” बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक विकास योजना नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला प्रोजेक्ट है।

रेल संपर्क से खुलेगा विकास का द्वार

रेलवे लाइन से जुड़ने का असर सिर्फ आवागमन तक सीमित नहीं रहेगा। इसके साथ सिरोही को व्यापार, रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में नए अवसर मिल सकते हैं। यातायात की सुगमता से जहां कारोबार को बल मिलेगा, वहीं आकांक्षी जिले को नई पहचान भी मिल सकती है।

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