जन्म लेते ही पालने में छोड़ दी गई यह मासूम, हसंती है, खेलती है, ...बस रोती नहीं

जन्म लेते ही पालने में छोड़ दी गई यह मासूम, हसंती है, खेलती है, ...बस रोती नहीं

गणपतसिंह मांडोली 9929420786

फर्स्ट राजस्थान @ सिरोही।

क्या कोई मां इतनी भी मजबूर हो सकती है कि जिसे नौ महीने कोख में पाले और फिर जन्म देने के बाद पल भर में खुद से अलग कर दे। जो मासूम दुनिया में शायद सोचकर ही यह आई कि अब मां की गोद में उसके आंचल तले रहूंगी। खेलूगीं, इतराऊंगी, इठलाऊंगी। बार बार मां को सताऊंगी और वह मुझे मनाती रहे। थपथपाती रहे। दुलारती रहे। कहती रहे, रो मत। मैं हूं ना। तेरी मां। तो क्या वही मां इतनी निष्ठुर हो सकती है कि बेटी की सूरत देखने से पहले ही उसे कहीं छोड़ आए। यह जानते हुए कि भी वह जिंदा है। क्या मजबूरी रही यह तो वह मां ही जाने, लेकिन शुक्र है कि उसे सुरक्षित जगह छोड़ा। सिरोही के जनाना अस्पताल में। यहां बने छोटे से पालने में।

यह छोटा सा पालना अब इस मासूम के लिए सबकुछ था। यहीं से जिंदगी की शुरुआत होनी थी। यहीं से दुनिया का नया पाठ पढ़ना था। कुछ पल बाद यह एक अनजान गोद में थी। दुबक सी गई उसमें। छोटी छोटी अंगुलियों को छाती पर फिरा बार बार शायद यही कहती रही। मुझे बचा लो। कहीं छिपा लो।

अब यह गोद ही इसका संसार है। इसी में वह खुश है। आंखे खोलती है, मुस्कुराती है और फिर आंखे मूंद लेती है। भूख लगती है तो लातें मारती है। गुस्सा भी करती है। दूध में जरा सी देरी होते ही माथे पर सलवटें पटक लेती है, जैसे नाराज हो गई हो। मनाते हैं तो मान भी जाती है और फिर खेलती है। सोती है, जागती है। बातें करने की काेशिशें करती है। बहुत कुछ कहना चाहती है, लेकिन सब मन में ही रखती है। शायद बड़ी होगी तब बताएगी।

…..बस ये रोती नहीं। शायद इसलिए कि कुछ घंटों की थी तभी जिंदगी का सबसे बड़ा दुख झेल चुकी है। इसलिए अब रोना ही नहीं चाहती।

ईश्वर इसे कभी रुलाए भी नहीं। बड़ी प्यारी मासूम बेटी है ये। गुलाबी कपड़ों में लिपटी किसी परी से कम नहीं लगती। हर पल मुस्कुराती रहती है। शायद यही दुआ करती होगी कि ईश्वर उस मां को भी खुश रखे जो इसे छोड़ गई। आखिर…ये बेटी जो ठहरी।

दिनभर देखभाल
इस मासूम को रविवार को कोई पालने में छोड़ गया। पीएमओ डॉ. दर्शन ग्रोवर बताते हैं कि यह दो तीन दिन की है और पूरी तरह स्वस्थ है। अभी इसे न्यू बोर्न केयर यूनिट में रखा गया है। तीन-चार दिन बाद इसे बाल संरक्षण समिति को सौंप दिया जाएगा।
-डॉ. दर्शन ग्रोवर, पीएमओ जिला अस्पताल, सिरेाही

दो तीन दिन की मासूम बच्ची है। अब सुरक्षित हाथों में है और बिलकुल स्वस्थ है।
-डॉ. मुकेश मीणा, शिशु वार्ड प्रभारी, सिरेाही।

वीडियो देखने के लिए नीचे यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें:

https://youtu.be/9b2fnDa5PRM