सिरोही/पिंडवाड़ा : स्थानीय अतिक्रमियों को शह देने में लगा प्रशासन, बेघर अतिक्रमियों में भारी आक्रोश

सिरोही/पिंडवाड़ा : स्थानीय अतिक्रमियों को शह देने में लगा प्रशासन, बेघर अतिक्रमियों में भारी आक्रोश

रिपोर्टर - रणजीत सिंह बलिया

फर्स्ट राजस्थान - पिण्डवाड़ा।

स्थानीय गोचर भूमि में राजस्व विभाग एवं नगरपालिका प्रशासन की संयुक्त कार्यकारी करते हुए ग्यारहवें दिन आमली रोड पर स्थित गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाया गया। लेकिन आमली रोड पर अतिक्रमण हटाने पर जनप्रतिनिधि भयभीत हो गए तथा मामाजी थान के पीछे तक अतिक्रमण हटाने की मांग करने लगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोचर भूमि पर अतिक्रमण हटाने में पालिकाध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षद सहित पशुपालक एक मत थे, लेकिन जैसे ही 11वें दिन गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाते हुए प्रशासन आमली रोड पर पहुंचा, तो यह लोग गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने का विरोध प्रकट करते हुए प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया। जिससे 12वें दिन राजस्व विभाग के कार्मिक नाराज होकर मौके पर तक नहीं गये तथा पालिका प्रशासन ने फिर से मामाजी थान के पीछे जेसीबी लेकर गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति करने लगे। जबकि पालिका प्रशासन की दोहरी निति के कारण जिन लोगों के अतिक्रमण हटाये वे विरोध प्रकट किया। तथा समान रूप से गोचर भूमि व साकदड़ा नाडी से अतिक्रमण हटाने की मांग प्रशासन से कर रहे है। जबकि आमली रोड पर नगरपालिका प्रशासन व पार्षदों द्वारा करवाये गये अतिक्रमण मौजुद है, और यह अतिक्रमण सभी पार्षद मिलकर बचाने की फिराक में है। जिसको लेकर देर रात्रि पार्षदगण एकत्रित होकर नगरपालिका प्रशासन पर दबाव बनाया गया। इसी कारण से १२ वें दिन आमली रोड से जेसीबी मशीन हटाई गई।

जातिविशेष के लोगों के हटाये अतिक्रमण
गोचर भूमि में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाही के दौरान 10 दिनों तक गरासीया व कालबेलिया समाज के लोगों के अतिक्रमण हटाये गये है। और नगरपालिका बोर्ड द्वारा इन जातियों को गोचर भूमि में हटाने के लिए विशेष प्रशासन पर दबाव भी बनाया गया, लेकिन जैसे ही 11वें दिन आमली रोड पर जेसीबी पहुंचा, तो हटाने की मांग करने वाले ही गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने का विरोध करने पर उतर आये। स्थानीय पार्षदों की दोहरी निति से प्रशासन धर्मसंकट में फंस गया है।

आमली रोड यह है अतिक्रमण
आमली रोड के खसरा नंबर 3386/753 गै.मू. गोचर में नारायणलाल कुहार, रणजीत हरिजन, भंवर सिंह, लालाराम खटीक, रकमा पत्नि धर्मा मेघवाल, खसरा नंबर 192 में मोटाराम पुत्र कानाजी जोगी, हंसाराम पुत्र स्व. मोटाराम जोगी, दुर्गाराम पुत्र भीमाराम पुत्र रतनाजी रेबारी, मगनलाल पुत्र गेमाराम सरगड़ा, नगाराम पुत्र रतनाजी रेबारी, भंवरलाल पुत्र गेमाजी सरगड़ा, भगाराम पुत्र मोटाजी जोगि, तीजोबाई पत्नि पीराराम रेबारी, जोगाराम पुत्र मोटाजी जोगी, हडमत पुत्र वनाजी वादी, डोटाराम पुत्र मोटाजी जोगी, हकमाराम गवारिया, भानाराम गवारिया व खसरा नबर 280 में मोडाराम पुत्र वीरा रेबारी, अमराराम पुत्र जगाजी कुहार, मालाराम पुत्र देवाजी रेबारी अतिक्रमीयों को भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 91 के तहत तहसीलदार ने तीन-तीन माह तक सिविल कारावास दण्डित किया गया था। उसके उपरान्त भी आज भी मौके पर अतिक्रमण काबिज है। इनको बचाने के लिए पालिका प्रशासन पर दबाब है। इसी कारण से आमली रोड से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाही फिलहाल रोकी गई।

धर्म की आड़ में अतिक्रमण
गोचर भूमि में जहां प्रशासन ने धर्म की आड़ में कालबेलिया समाज का आस्था का मंदिर तोड़ दिया, तो दुसरी समाज के धर्म की आड़ में किये गये अतिक्रमण काबिज है। प्रशासन की दोहरी निति के कारण गोचर भूमि में अभी भी कई धर्म की आड़ में किये गये अतिक्रमण काबिज है, लेकिन प्रशासन कार्रवाही करने में कतरा रहा है। जबकि यह मामला जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन की ध्यान में भी कालेबिया समाज ने लाया है।

भेदभाव रवैये से पनप सकता है विद्रोह
नगरपालिका की प्रशासन की भेदभाव रवैये के कारण आदिवासी समाज व कालबेलिया समाज के अतिक्रमण हटाये तथा अन्य प्रभावशालीयों के अतिक्रमण बचाने के प्रयास की निति को लेकर समाजो में विद्रोह पनप सकता है।

इनका कहना है कि -

प्रशासन धर्म की आड़ में किये गये अतिक्रमणों व अतिक्रमियो को कागजो में बेदखल कर मौके पर कार्रवाही नहीं की है। ऐसे मामलों की जांच कर,अतिक्रमीयों को मौके से भी बेदखल की कार्रवाही के साथ कानूनी कार्रवाही अमल में लाई जायेंगी।
- हरी सिंह देवल उपखण्ड अधिकारी पिण्डवाड़ा

प्रशासन आमली रोड से अतिक्रमण हटाये की कार्रवाही चालु की गई थी, लेकिन समय पर राजस्व विभाग की टीम नहीं आने पर कार्रवाही चालु नहीं हो पाई है। प्रशासन गोचर भूमि में धर्म की आड़ व अन्य अतिक्रमियों को बिना भेदभाव के हटाने की कार्रवाही जारी रहेगी। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाही 15 दिन और बढ़ाई गई है।
- दीन मोहमद अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका पिण्डवाड़ा