एक्सक्लूसिव…. चांदना के खेत में प्राचीन विष्णु भगवान की मूर्ति मिली, महादेव मंदिर में रखवाई मूर्ति

एक्सक्लूसिव…. चांदना के खेत में प्राचीन विष्णु भगवान की मूर्ति मिली, महादेव मंदिर में रखवाई मूर्ति

एक्सक्लूसिव…. चांदना के खेत में प्राचीन विष्णु भगवान की मूर्ति मिली, महादेव मंदिर में रखवाई मूर्ति
एक्सक्लूसिव…. चांदना के खेत में प्राचीन विष्णु भगवान की मूर्ति मिली, महादेव मंदिर में रखवाई मूर्ति

firstrajasthan @ जालोर. जिले के रामसीन कस्बे के पास चांदना गांव में सोमवार को एक खेत में जुताई करने के दौरान बहुत ही प्राचीन मूर्ति मिली है। जिसे निकट महादेव मंदिर में रखा गया है।

प्राचीन मूर्ति ..

जानकारी के मुताबिक चांदना गांव में धनाराम पुत्र वेलाराम चौधरी अपने खेत में ट्रैक्टर से जुताई कर रहा था। इस दौरान कल्टी के हल से कुछ पत्थर टकराया। जिस पर उसने खोदकर देखा तो जमीन में प्राचीन मूर्ति दबी हुई थी। जिसे बाहर निकाल कर उसने साफ किया। यह मूर्ति हजारों वर्ष पुरानी विष्णु भगवान की बताई जा रही है। जिसके ऊपर बहुत सुंदर नक्काशी की हुई है। करीब तीन फीट ऊंचाई और डेढ़ फीट चौड़ाई वाली इस मूर्ति पर एक तरफ महादेव की, वहीं दूसरी तरफ गणेश जी की प्रतिमा भी बनी हुई है। अति प्राचीन मूर्ति अभी निकट के महादेव मंदिर में रखी गई है।

मांडोली के निकट चांदना गांव के ही हनवंतसिंह महेचा ने बताया हजारों वर्षों पूर्व मोहम्मद गौरी ने इलाके में आक्रमण किया था। उस दौरान यहां गांव बस्ती थी। तत्कालीन समय में यहां मन्दिरों को नष्ट किया था। ऐसे में इस प्रकार की मूर्तियां जमीन में गड़े होने के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व में भी खेत मे जुताई के दौरान मूर्तियों के टुकड़े व अंश निकलते थे। जिन्हें मन्दिर में रखवाया था। इस बार पूरी मूर्ति सामने आ गई। मूर्ति मिलने से लोगों में उत्साह का माहौल है।

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आपेश्वरजी की मूर्ति भी मिली थी ऐसे
इससे पहले भी रामसीन मे शिव की प्रतिमा जमीन से अपने आप निकली इसलिए आपनाथ व आपेश्वर महादेव कहलाए। मंदिर में शिवलिंग नहीं बल्कि शिव की आदमकद पांच फीट की प्रतिमा स्थित है। जो कहीं भी देखने को नहीं मिलती । पुराणों के अनुसार रामसीन में शिव,विष्णु व राम का समागम कहा जाता है। कथा के अनुसार विक्रम संवत् 1335 ईस्वी में गांव के एक खेत मे रूपाराम चौधरी हल चला रहा था, तभी एकाएक हल रुक गया और आकाशवाणी हुई। इस पर चौधरी डर कर वहां से गंाव के ठाकुर के पास गया और पूरी बात सुनाई। तब ठाकुर व ग्रामीण खेत में गए जहां हल अटका पड़ा था। इस पर खेत में उस जगह को रूपाराम से खोदने को कहा। खुदाई के दौरान भगवान शिव की आदमकम प्रतिमा निकली। साथ मे ब्रह्मा, विष्णु, नंदी व पार्वती की प्रतिमा भी निकली। खुदाई के समय चौधरी के हल से शिव के दायें हाथ की अंगुली कट गई थी, जो आज भी उसी स्थिति में है।

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द्वारका है यहां
किंवंदती है कि क्षेत्र के पदमसिंह परमार कृष्ण के अनन्य भक्त थे, वे नियम से द्वारका जाते थे। एक दिन सपने में आकर भगवान कृष्ण ने दर्शन देकर कहा की तू यहां क्यूं आता है। मैं तो रामसीन में भी मौजूद रहता हूं। इस बात के प्रमाण के लिए पदमसिंह ने द्वारका के समुद्र में लकड़ी डाली जो सात दिन बाद आपेश्वर मंदिर के सामने स्थित बावड़ी मे मिली। यही नहीं क्षेत्र में कहीं भी खारा पानी नहीं है, लेकिन इस बावडी में द्वारका जैसा ही खारा पानी है, जो कभी खाली नहीं हुआ। इस घटना के बाद क्षेत्र से कोई भी ग्रामीण द्वारका नहीं जाते, यहीं आकर द्वारका के दर्शन करते हैं।

https://youtu.be/IRjcxo1WERU