रॉयल्टी ठेकेदार की मनमानी से सरकार को लाखों के राजस्व की लग रही चपत…
गणपतसिंह मांडोली व गौरव की रिपोर्ट
फर्स्ट राजस्थान-जालोर
ग्रेनाईट सिटी के नाम से अपनी अलग पहचान रखने वाले जालोर जिले में इन दिनों अवैध रॉयल्टी वसूली का काला धंधा जोरों-शोरों से चल रहा हैं। प्रशासनिक शह के चलते जिले के खनिज क्षेत्र से खनिज पत्थर को बिना रवन्ने के बेचने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं।खनन माफिया अपने स्तर पर ही लाल-पिली टोकन पर्ची कांटकर क्षेत्र में ट्रैक्टर चालकों को पत्थर के परिवहन का अधिकार देने से नहीं चूक रहे हैं। पूरे मामले में फर्स्ट राजस्थान के हाथ अवैध खनन करवाकर और उसे परिवहन करने के लिए जारी की जा रही लाल पर्ची भी हाथ लगी हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं मिलीभगत के इस खेल में कई लोगों के हाथ होने की भी पूरी आशंका हैं।

अवैध खनन से पहाड़ हो रहे छलनी लेकिन जिम्मेदार मौन-
प्रकृति के साथ खनन माफिया खिलवाड़ कर रहे हैं। जिले के कई गांवो के पहाड़ो से अवैध रूप से पत्थर खनन दिन रात धड़ल्ले से ट्रैक्टर-ट्राली परिवहन कर सरपट दौड़ रहे हैं। जसवंतपुरा उपखंड क्षेत्र के कोटकास्ता,तवाव, मोदरा, रामसीन व भीनमाल उपखंड क्षेत्र के नासोली, बोरटा सहित दर्जनों गांवो के पहाड़ो को चीरा जा रहा हैं लेकिन जिम्मेदार इस पर अंकुश लगाने में बौने साबित हो रहे हैं।

स्वीकृति नहीं होने के बाद भी टोकन कांटने से नहीं चूक रहा रॉयल्टी ठेकेदार-
मजे की बात तो यह हैं कि जिले में एक भी चुनाई पत्थर की खदान आवंटित नहीं हैं उसके बावजूद भी रोजाना सौ से दो सौ ट्रेक्टर ट्राली रोजाना मेसेनरी पत्थर भरकर व ठेकेदार द्वारा इन ट्रेक्टरों को परिवहन करने के अधिकार स्वरूपी अपने स्तर पर छपवाई लाल पर्ची कांटकर थमाई जा रही हैं।
शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं-
जसवंतपुरा व भीनमाल उपखंड के मदनसिंह खानपुर, महिपाल सिंह, राहुल सिँह,बरकत खान, टीकमाराम, प्रवीण कुमार, गीगाराम, मंगल राणा, हस्तीमल ने बताया अवैध वसूली का खेल चल रहा हैं। इसको लेकर खनिन अभियंता से लेकर कलेक्टर, सांसद, विधानसभा के मुख्य सचेतक तक को ज्ञापन दिया हैं लेकिन प्रशासनिक स्तर पर औपचारिक कार्रवाई से आगे नहीं बढ़ा जा रहा हैं। ग्रामीणों का आरोप हैं कि खनिज विभाग की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा हैं। ग्रामीण अब एसीबी मुख्यालय तथा खनिज विभाग के मुख्यालय को पत्र लिखने और कार्रवाई की गुहार की तैयारी कर रहे हैं।
क्या हैं खनिज विभाग के रॉयल्टी नियम
जिले में निकलने वाले ग्रेनाईट समेत स्टोन पत्थरों के खनिज विभाग के नियमानुसार निकलने वाले पत्थरों की रॉयल्टी के दरे ग्रेनाईट ब्लॉक 290 रूपये प्रति टन, खंडे 35 रूपये के साथ 10 प्रतिशत डीएमएफटी और 2 प्रतिशत आरएसएमईटी प्रति टन के हिसाब से रॉयल्टी वसूली की दरे सरकार ने निर्धारित कर रखी हैं लेकिन ठेकेदार किसी भी वजन से लद कर आए ट्रेक्टरों पर रॉयल्टी नियमों का डर दिखा कर मजदूरों को दबाने का प्रयास कर वसूली कर रहा हैं।

196 की जगह पर 300 से 500 रूपये की हो रही वसूली
रॉयल्टी ठेकेदार मजदूरों को कई नियमों का हवाला देकर उनसे अवैध रूप से रॉयल्टी वसूल कर काली कमाई करना चाहता हैं। अगर किसी वाहन में 5 टन वजन खंडा होता हैं तो नियमानुसार 175 रूपये रॉयल्टी और 17.50 रूपये डीएमएफटी और 3.50 रूपये आरएसएमईटी मिलाकर 196 रूपये होते हैं लेकिन ठेकदार के लोग ट्रेक्टर चालकों से 300 से 500 रूपये तक की वसूली कर रहे हैं।

यह तो हुई वैध तरीके से वसूली की प्रक्रिया लेकिन ठेकेदार तो रुपयों की वसूली करने के बाद भी ट्रेक्टर चालकों को अपने स्तर पर छपवाई गई लाल पर्ची कांटकर दे रहा जिस पर ना तो वाहन नंबर अंकित हैं नियमानुसार वाहन का नंबर, वाहन का प्रकार, वाहन में लोड होने वाले मटेरियल की किस्म और क्षमता इंद्राज करनी जरूरी होती है।
शिकायत के बाद अपहरण का प्रयास और जान से मारने की धमकी
अवैध रूप से वसूली जा रही रॉयल्टी का विरोध करना मदनसिंह खानपुर को भारी पड़ता नजर आ रहा है। दरअसल खानपुर निवासी मदनसिंह पुत्र जबरसिंह ने भीनमाल थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि बाड़मेर जिले के खनन माफिया शम्भूसिंह, रामसिंह, प्रेमसिंह समेत लोग लगातार मेरी रैकी कर रहे हैं और मेरा पीछा कर रहा है।
हद तो तब हो गई जब 10 अप्रैल को मदनसिंह खानपुर से भीनमाल जा रहा था इस दौरान दोपहर 12 बजे पहले से घात लगाकर बैठे इन लोगों मदनसिंह को पकडकर गाड़ी में डालने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों के बीच बचाव कर मदनसिंह को उनके चंगुल से छुड़वा दिया और पुलिस को सूचना दी थी जिस पर मौक़े पर पहुंची पुलिस ने उनमें से कुछ लोगों को दस्तयाब किया था लेकिन उन्हें छोड़ दिया अब वही लोग फिर से मेरा पीछा कर रहे ऐसे में मेरी जान का खतरा हैं। उन्होंने जान की सुरक्षा की गुहार लगाई हैं साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है।

इनका कहना हैं
पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। ग्रेनाइट की स्वीकृत खदानो से ब्लॉक और खंडे निकालकर उसका परिवहन किया जा सकता हैं।अपने स्तर पर अगर अलग से पर्ची कांटी जा रही हैं तो गलत हैं इसको लेकर कार्रवाई करेंगे।
नरेंद्र खटीक, खनिज अभियंता, खनन विभाग जालोर