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राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर ‘प्रेरणा दिवस’ के रूप में वीरांगनाओं का सम्मान

राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर ‘प्रेरणा दिवस’ के रूप में वीरांगनाओं का सम्मान, सैन्य अधिकारियों और नेताओं ने साझा किए संस्मरण

जयपुर। पिंकसिटी प्रेस क्लब में मंगलवार को शौर्य मरुधर फाउंडेशन की ओर से स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि ‘प्रेरणा दिवस’ के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर भारतीय सेना और वायुसेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों, राजनीतिक हस्तियों और समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में शहीदों की वीरांगनाओं का सम्मान किया गया और एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने राजेश पायलट के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।

यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि राजेश पायलट गरीबों, जवानों और किसानों के सशक्त प्रतिनिधि थे। उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया और आज उनके पुत्र सचिन पायलट उसी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।

सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बी.एस. निर्बाण ने पायलट साहब को सैनिकों और राजनेताओं के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि आज भी शहीद परिवारों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जिसे रोकने के लिए एक सशक्त कानून की आवश्यकता है।

कर्नल देवानंद लोहमरोड़ ने वीरांगनाओं के सम्मान को एक अत्यंत गरिमामयी पहल बताया और इसके लिए शौर्य मरुधर फाउंडेशन की सराहना की।

फाउंडेशन के अध्यक्ष महेन्द्रसिंह खेड़ी ने कहा कि राजेश पायलट ने देश में टेलीफोन क्रांति लाने के साथ-साथ युवाओं को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया। उनका मानना था कि जब तक गरीब, किसान और सैनिकों के बच्चे नीति निर्धारण में भाग नहीं लेंगे, तब तक देश का सपना अधूरा रहेगा।

पूर्व विधायक गजराज खटाना ने पायलट साहब के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए कहा कि वह प्रशासन में जितने साहसी थे, जनता के बीच उतने ही सहज और सरल। उन्होंने चंद्रास्वामी की गिरफ्तारी का प्रसंग साझा कर उनके न्यायप्रिय स्वभाव को रेखांकित किया।

विधायक प्रशांत शर्मा (आमेर) ने बताया कि कैसे उनके पिता को राजेश पायलट का संरक्षण मिला और अब वही संरक्षण उन्हें सचिन पायलट से मिल रहा है। उन्होंने आयोजन को प्रेरणादायी बताया।

ग्रुप कैप्टन एस.एस. धौलिया ने कहा कि पायलट साहब से एक उड़ान के दौरान हुई मुलाकात में उनके आत्मीय व्यवहार ने गहरी छाप छोड़ी। वह न केवल असाधारण सैनिक थे, बल्कि महान जननेता भी थे।

कार्यक्रम के अंत में शौर्य मरुधर फाउंडेशन के सचिव सादिक चौहान और कोषाध्यक्ष आजाद सिंह सुमेल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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