आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित स्पा सेंटर के मामले पर चुप क्यों?

आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित स्पा सेंटर के मामले पर चुप क्यों?

आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित स्पा सेंटर के मामले पर चुप क्यों?
आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित स्पा सेंटर के मामले पर चुप क्यों?

गणपत सिंह मांडोली।

फर्स्ट राजस्थान - जालोर।

जालोर जिले में स्पा सेंटर के नाम पर खुलेआम जिस्म फरोषी का धंधा चल रहा है। बाहरी राज्यों की युवतियां यहां आकर मसाज के नाम पर ना केवल जिस्म का धंधा चलाती है, बल्कि युवाओं को ब्लेकमेल तक करती है। मोटी रकम लेकर मसाज के नाम पर अपनी देह को परोसती है। जालोर जिला मुख्यालय से लेकर उपखंड मुख्यालय पर इस तरह का यह धंधा तेजी से फल-फूल रहा है, जबकि पुलिस और प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। जिले भर में इस तरह के स्पा सेंटर संचालित हो रहे हैं और युवाओं को लूट रहे हैं। जिले के जनप्रतिनिधि भी इस तरह के गैर कानूनी धंधे के खिलाफ बोल तक नहीं रहे हैं। अब आहोर में संचालित स्पा सेंटर के खिलाफ पूर्व विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित ने अपनी आवाज बूलंद की है। उन्हांने आहोर में संचालित स्पा सेंटर के खिलाफ धरना देकर यहां जिस्म फरोशी का कार्य चलने का आरोप लगाया है। पुलिस ने भी इस स्पा सेंटर को ताबड़तोड़ तरीके से बंद करवा दिया है।
आहोर के पूर्व विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित ने आहोर में चल रहे इस स्पा सेंटर के खिलाफ आवाज उठाई है, लेकिन वर्तमान विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने कभी इन स्पा सेंटरों के खिलाफ कुछ नहीं बोला है। सवाल तो उठता है कि जब पूर्व विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित को इस स्पा सेंटर के खिलाफ धरना देना पड़ा तो क्या वर्तमान विधायक छगनसिंह राजपुरोहित के पास इस स्पा सेंटर को लेकर कोई शिकायतें नहीं थी? शिकायतें भी थी और छगनसिंह राजपुरोहित को जानकारी भी थी, लेकिन विधायक महोदय ने कभी आवाज तक नहीं उठाई। यह एक बड़ा सवाल है। पूर्व विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित की ओर से इस स्पा सेंटर के खिलाफ आवाज उठाकर इसे बंद करवाने के कार्य की आहोर क्षेत्र में जमकर तारीफ हो रही है।

एएसआई आए दिन स्पा सेंटर पर नजर आता है
जालोर जिला मुख्यालय पर पांच स्पा सेंटर संचालित होते हैं, यहां वन वे मार्ग पर संचालित स्पा सेंटर पर एक पुलिस एएसआई का नियमित रूप से आना-जाना होता है। धर्मेंद्र हुड्डा इस स्पा सेंटर पर अक्सर देखा जाता है, जबकि इस स्पा सेंटर पर भी ऐसी शिकायती मिल चुकी है कि यहां जिस्म फरोशी का धंधा चलता है। बावजूद इसके पुलिस अधिकारी का वहां आना-जाना है। पुलिसकर्मी का इस तरह वहां आना-जाना कहीं ना कहीं पुलिस की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।