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खनन विभाग के ठेकेदार ही भजनलाल सरकार को लगा रहे करोड़ो रूपये का चूना

ठेकेदार की लाल-गुलाबी फर्जी पर्ची की मनमर्जी थमने का नहीं ले रही नाम

आखिर मिलीभगत के इस काले खेल में किस-किसके हाथ हैं काले

सांसद,मुख्य संचेतक व कलेक्टर के निर्देश चिकने घड़े पर पानी टिकने के समान हुए साबित

-गणपतसिंह मांडोली व गौरव मित्तल की खबर

फर्स्ट राजस्थान-जालोर | राज्य सरकार और खनन विभाग ने पिछले दिनों अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खनन और परिवहन के लिए एक कंपनी को ठेका दिया हैं लेकिन खनन विभाग का यह ठेकेदार ही भजनलाल सरकार व खनन विभाग के करोड़ो रूपये के राजस्व को पलीता लगाने काम कर रहा हैं।राज्य सरकार और खनन विभाग ने अवैध खनन रोकने की मंशा को लेकर ठेकेदार को ठेका दिया लेकिन खनन ठेकेदार ही अवैध खनन माफियाओं का सहयोगी बन गया हैं जिससे रुकने की बजाय अवैध खनन को और पंख लग गए हैं।


फर्स्ट राजस्थान के हाथ रॉयल्टी ठेकेदार के नाकेदार और पत्थर खनन का परिवहन करने वाले ट्रेक्टर चालक की बातचीत का वीडियो लगा हैं जिसमें नाकेदार की बातों से स्पष्ट साबित होता हैं की उनके ठेकेदार का उसे ऐसा संरक्षण प्राप्त हैं जिससे ना तो वो जिला प्रशासन और ना ही खनिज विभाग को गिनता हैं। इतना ही नहीं इस वीडियो में नाकेदार जेतसिंह साफ तौर पर कहता हुआ सुनाई दे रहा हैं उसके ठेकेदार की ऊपर तक तगड़ी सेटिंग हैं और कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता हैं। वीडियो बनाने का शक होने पर भी वो रुका नहीं और कहने लगा कि कोई रिकॉर्डिंग करो कुछ फर्क नहीं पड़ता हैं।रिकॉर्डिंग का मालूम होने के बाद भी उसने यह कहा कि जिन लोगों ने शिकायत की थी उनसे अन्य लोगों से ज्यादा रॉयल्टी वसूल की जा रही ताकि उन्हें पता चले और जिंदगी में कभी शिकायत का नाम नहीं लेवे।

जैसेलमेर जैसी घटना के बाद चेतेगा प्रशासन-

पूरे मामले पर गौर करें तो खनिज विभाग की हठधार्मिता के चलते कहीं जैसेलमेर की जैसी घटना जालोर जिले में नहीं देखने को मिल जाए।पिछले कई दिनों से जिलेभर में रॉयल्टी ठेकेदार की कारगुजारी को लेकर लगातार शिकायतें और ज्ञापन दिए जा रहे हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही हैं।ऐसे में जैसेलमेर जैसी घटना होने का अंदेशा जताया जा रहा हैं।पूरे मामले में बड़ा सवाल यह हैं कि जिला प्रशासन व खनिज विभाग जैसेलमेर जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने के बाद हरकत में आएगा।
इसी मामले में अवैध तरीके से रॉयल्टी वसूली की शिकायत के बाद खानपुर निवासी मदन सिंह के साथ मारपीट हुई और अपहरण करने का प्रयास भी हुआ। मदन सिंह खानपुर ने भीनमाल थाने में रिपोर्ट देकर बताया हैं कि उसके साथ मारपीट व अपहरण करने का प्रयास किया गया हैं।इतना ही नहीं इसके मोबाईल पर कई नंबरो से जान से मारने की धमकियाँ भी मिल रही हैं।अगर ऐसा हैं यह काफी गंभीर मामला हैं और प्रशासन को वक़्त रहते इस पर संज्ञान लेने की जरूरत हैं।अन्यथा ये जैसलमेर जैसी घटना को बुलावा देने जैसा साबित होगा।

दूसरी तरफ रॉयल्टी ठेकेदार की तरफ से रानीवाड़ा थाना पुलिस में मदनसिंह खानपुर व टीकमाराम के खिलाफ रिपोर्ट दी गई हैं और बताया गया हैं कि मदनसिंह खानपुर धमकी दे रहा हैं। रानीवाड़ा पुलिस ने मदनसिंह खानपुर व टिकमाराम को थाने बुलाकर पाबंद करने की कार्रवाई को अंजाम दिया हैं।

गौरतलब हैं कि 3 अप्रैल को जैसेलमेर में मेसेनरी स्टोन के रॉयल्टी विवाद को लेकर हिंसक घटना हुई थी जिसमें जानलेवा हमले,आगजनी समेत लूट मामले में पुलिस ने 26 लोगों को गिरफ्तार भी किया था।

शिकायत और ज्ञापन सौपना मुसीबत को गले लगाने जैसा साबित-

आपको जानकर हैरानी होगी कि रॉयल्टी ठेकेदार की मनमानी को लेकर भीनमाल और जसवंतपुरा उपखंड क्षेत्र के जिन लोगों ने जिला कलेक्टर,सांसद,मुख्य संचेतक और खनिज अभियंता को ज्ञापन और शिकायत की थी उनके लिए यह सब करना मुसीबत को गले लगाने जैसा साबित हुआ हैं। दरअसल वीडियो में खुद नाकेदार यह कहता नजर आ रहा हैं वैसे तो सभी खंडे से भरे ट्रेक्टरो से तीन सौ रूपये लिए जा रहे हैं लेकिन जो लोग शिकायत और ज्ञापन देने गए थे उन सभी से पेनल्टी चार्ज लगाकर चार सौ रूपये वसूले जा रहे हैं।वीडियो में नाकेदार की बातें सुनकर चाय से ज्यादा केटली गर्म होने वाली कहावत सटीक बैठती हैं।
यह ही नहीं शिकायत और ज्ञापन सौपने के बाद खानपुर निवासी मदनसिंह ने तो भीनमाल थाने में मारपीट और अपहरण करने की ठेकेदार और उसके लोगों के खिलाफ दी हैं।मदनसिंह ने रिपोर्ट में बकायदा मारपीट करने वालों के वाहन नंबर, नाम और जिन नंबरो से धमकी मिल रही उसके नंबर तक पुलिस को उपलब्ध करवाए हैं। यही नहीं जब मारपीट हो रही थी तब लोगों ने बीच बचाव किया और पुलिस को सूचना दी थी जिस पर पुलिस ने मौक़े पर पहुंचकर कुछ लोगों को डिटेन भी किया था।

ठेकेदार के ऊंचे रसूख, कोई नहीं कर पाएगा बाल भी बांका-

वीडियो पर गौर करें तो सफाड़ा नाके पर रॉयल्टी ठेकेदार कि ओर से रॉयल्टी वसूल कर रहे नाकेदार जेतसिंह यह बार बार कह रहा हैं उनके ठेकेदार रमजान खान मेहर समेत लोगों के काफी ऊंचे रसूखात हैं और कोई भी उनका बाल भी बांका नहीं कर सकता हैं।चाहें जहां मर्जी हो वहां शिकायत करो या चाहे वीडियो बनाओ होना जाना कुछ भी नहीं हैं।वीडियो बना रहे व्यक्ति ने जब उससे पूछा कि यह जो बुक हैं यह रॉयल्टी कि हैं क्या??तो उसने बेखौफ़ होकर ठेकेदार के खुद के स्तर पर छपवाई हुई लाल-गुलाबी पर्चीयो की बुक दिखाकर कहा कि हां ये रॉयल्टी की बुक हैं। वो यही रुका उससे पूछने पर कहां कि दो सौ नहीं तीन सौ रूपये प्रति ट्रेक्टर लेते हैं और कुछ चिन्हित लोगों से तो चार सौ रूपये भी वसूले जाते हैं।

ठेकेदार की फर्जी लाल पर्ची से जारी हैं मनमर्जी-

खनन ठेकेदार की ओर से मनमर्जी से लाल-गुलाबी पर्चीया कांटने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं लेकिन खनिज विभाग इसे रोकने में पूरी तरह से बेबस नजर आ रहा हैं।ऐसे में बड़ा सवाल हैं कि खनन ठेकेदार की मनमर्जी नहीं रोक पाने के पीछे खनिज विभाग की क्या मज़बूरी हैं। ग्रामीणों की तरफ से दिए शिकायत के बाद जालोर खनिज अभियंता ने लाल-गुलाबी पर्चीयो को फर्जी बताया था बावजूद उसके कार्रवाई नहीं करना मिलीभगत के स्पष्ट संकेत दे रहा हैं।

विभाग के पास लवाजमा तो हैं लेकिन इच्छाशक्ति नहीं-

ऐसा नहीं हैं जालोर जिला मुख्यालय में खनिज विभाग के पास लवाजमा नहीं हैं। विभाग के पास अच्छा खासा लवाजमा होने के बावजूद भी इच्छाशक्ति की कमी होने की वजह से अवैध खनन और अवैध वसूली पर अंकुश नहीं लग पा रहा हैं।

पूरे मामले में जब रानीवाड़ा थानाधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि मदनसिंह के खिलाफ रिपोर्ट आई थी कि वो रॉयल्टी ठेकेदार को धमका रहा हैं जिस पर मदनसिंह को पाबंद किया गया हैं

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