
यूनाटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन व डॉ. भीमराव अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी की ओर से 12 मई 2025 सोमवार को झालाना डूंगरी स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी के माता रमाबाई अम्बेडकर सभागार में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बुद्ध को जानों कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बोलते हुए आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन डॉ. ललित के. पंवार ने कहा है कि आज के वक्त में सबसे अधिक आवश्यकता हुनरमंद लोगों की है। उन्होंने बुद्ध की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि स्किल सबसे महत्वपूर्ण है, यदि इंडिया स्किल्ड नहीं होगा तो किल्ड हो जाएगा।

उनहोंने कहा कि यदि हम तकनीकी रूप से अपडेट नहीं हैं तो आउटडेट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज के समय की आवश्यकता डिजिटल बुद्धिज्म की है। इसमें डिजिटल कनेक्टिविटी और माइंडफुलनेस की मिक्सअप की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इथिकल लिविंग, माइंडफुलनेस और इनर पीस के लिए विपश्यना और मेडिटेशन बुद्ध की ही देन है। बुद्ध की प्रासांगितकता को बताते हुए डॉ. पंवार ने कहा कि यदि हमारे पड़ोसी पाकिस्तान से बुद्ध से शिक्षा ली होती तो वह हिंसक नहीं होता, उसके द्वारा पहलगाम पुलवामा नहीं होते। उन्होंने कहा कि युद्ध में कोई विजेता नहीं होता, सब जगह हानि ही होती है। हमारा देश वह देश है, जिसने सभी तरह के दर्शन, सभ्यता, संस्कृति और विचारों का खुले दिल से स्वागत किया है। पंवार ने समाज जागरण, चेतना और समाज सशक्तीकरण की दिशा में यूनाइटेडग्लोबल पीस फाउण्डेशन का आभार जताया।

कार्यक्रम में अध्यक्षीय उदबोधन करते हुए यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन के अध्यक्ष मेघराज सिंह रॉयल ने कहा कि जाति और सामाजिक भेद से परे जाकर योग्य बच्चों को समान अवसर देने के भावों से उन्होंने फाउण्डेशन की शुरुआत की है। प्रत्येक वर्ग में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले जरूरतमंद बच्चों को उनके जीवन में लक्षित सफलता तक पहुंचाने का लक्ष्य उनका संगठन ले रहा है। उन्होंने जाबड़ गांव में तैयार किए जा रहे धुन प्रोजेक्ट के बारे में बताया कि यह भारत का सबसे अनूठा प्रोजेक्ट होगा, जिसे ब्रिटेन और कतर के राजप्रमुखों ने अडॉप्ट किया है। रॉयल ने कहा कि बुद्ध का दर्शन हमें चेतना की बात कहता है और खुद का दीप खुद बनने की बात कहता है। अंतरराष्ट्रीय धावक अशोक सिंह तंवर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जरूरतमंद बच्चे जब सहयोग पाकर आगे बढ़ते हैं तो आत्मिक खुशी होती है। रॉयल ने टूरिज्म प्रोजेक्टस और उनकी सफलताओं में आधार बनने के लिए डॉ. ललित के पंवार का आभार जताया।
फाउण्डेशन के निदेशक शक्ति सिंह बांदीकुई ने कहा कि बुद्ध अकेले व्यक्ति हुए हैं, जिन्होंने उस वर्ग तक जागरण का संदेश दिया, जिसे समाज ने अलग-थलग छोड़ रखा था। बौद्धिक ज्ञान से लेकर आत्मिक चेतना तक किसी की बपौती नहीं है, यह साबित करते हुए बुद्ध ने आत्मिक जागरण का संदेश दिया। ऐसा दुनिया में पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। बांदीकुई ने कहा कि बुद्ध हमें पूर्णता की ओर ले जाते हैं। इसी तरह से समाज में पीछे छूट रहे लोगों को आगे लाने की महत्ती भूमिका यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन निभा रहा है। जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई, कोचिंग और रहने के साथ बेटियों के विवाह और स्किल डवलपमेंट की दिशा में भी काम सतत रूप से जारी है।
कार्यक्रम में डॉ. भीमराव अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष जसवंत सम्पतराम ने कहा कि बुद्ध का दर्शन हमें चेतना और जागरण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि बुद्ध ने जिस तरह से समाज के प्रत्येक वर्ग को अपने से जोड़ा उसी तरह से यूनाटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन बिना किसी भेदभाव के यह अनूठा काम कर रहा है।
सोसायटी के महासचिव जी.एल. वर्मा ने कार्यक्रम की उपादेयता पर प्रकाश डाला और बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी किस तरह से पिछड़े और वंचित वर्गों के लिए बाबा साहब और बुद्ध के दर्शन पर प्रभावी काम कर रही है। पूर्व आईएएस श्याम एस अग्रवाल ने कहा कि बुद्ध ने तमाम सुखों को पीछे छोड़ते हुए जिस तरह से वन गमन और साधना के माध्यम से संदेश दिया। वह उन्हें तमाम महापुरुषों से अलग बनाता है।
पूर्व आईआरएस और संयुक्त एससीएसटी संगठन के अध्यक्ष भागचंद मीणा ने कहा कि बुद्ध के जीवन में तीन घटनाएं और सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं पूर्णिमा के दिन हुई। यह अपने आम में उनके पूर्णत्व, उनके पूर्णत्व सिद्धान्त और उनके पूर्णत्व जीवन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि समाज जागरण के आत्म दीपो भवः के सिद्धान्त को व्याडियत करने की नितांत आवश्यकता है। यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन के सदस्य और कार्यक्रम संयोजक मुकेश मेघवंशी ने बुद्ध स्तुति प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में दूरदर्शन के पूर्व निदेशक के. के बोहरा ने सभी का आभार प्रकट किया।
किरण जाग्रत को सौंपा चेक
ब्यावर जिले की प्रतिभाशाली बेटी किरण जाग्रत को मंच पर तीन लाख की शुरुआती सहायता का चेक सौंपा गया। 12वीं में 95 प्रतिशत अंक पाने वाली बेटी किरण को फाउण्डेशन की ओर से कोचिंग, आवास और खर्च समेत अन्य सहायता फाउण्डेशन की ओर से उसके लक्षित सफलता को प्राप्त करने तक दी जाएगी।